चेतेश्वर पुजारा 50वें टेस्ट के करीब, मगर वह किसी और ही बात से हैं सबसे ज्यादा खुश!

गाले: सौराष्ट्र रणजी क्रिकेटर अरविंद पुजारा ने अपने बेटे चेतेश्वर पुजारा के कैरियर में जो योगदान दिया है, उससे सभी परिचित हैं और अब यह भारतीय खिलाड़ी अपने 50वें टेस्ट की तैयारी में है. तीसरे नंबर का यह ‘डिपेंडेबल’ बल्लेबाज इस बात से खुश हैं कि उनकी सबसे ज्यादा आलोचना करने वाले पिता अब इतने सख्त नहीं हैं जितने वह हुआ करते थे.

चेतेश्वर पुजारा 50वें टेस्ट के करीब, मगर वह किसी और ही बात से हैं सबसे ज्यादा खुश!
चेतेश्वर पुजारा ने अपने पिता के योगदान के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मेरे पिता हमेशा मेरे सर्वश्रेष्ठ और खराब आलोचक रहे हैं. कभी कभार वह काफी आलोचना करते हैं लेकिन अब हमारी आपसी समझ ऐसी हो गयी है जिसमें हम हमेशा बातचीत के बाद निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं और अब वह इतने ज्यादा सख्त नहीं हैं.’ अभी तक पुजारा ने 49 टेस्ट मैचों में 52.18 के औसत से 3966 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक शामिल हैं. इन शतकों में नवीनतम गाले में समाप्त हुए पहले टेस्ट में बना था जिसमें भारत ने चार दिन के अंदर 304 रन से जीत दर्ज की थी.

ये भी पढ़े: जेकेपी के सेल्‍फ डिफेंस प्रोग्राम को मिला लिम्‍का बुक ऑफ रिकार्ड्स में स्‍थान

’50वें टेस्ट मैच में खेलना मेरे लिये गर्व का क्षण है’
पुजारा ने कहा, ‘अभी तक का सफर शानदार रहा है.देश के लिये 50वें टेस्ट मैच में खेलना मेरे लिये गर्व का क्षण है. हां, इसमें उतार चढ़ाव रहे हैं लेकिन मेरी हाल की अच्छी फार्म को देखते हुए मैं अपने 50वें टेस्ट में कुछ रन जुटाने के लिये प्रतिबद्ध हूं. ’’ पुजारा के लिये उनका सात साल का अंतरराष्ट्रीय कैरियर 2015 तक मुश्किलों भरा रहा। शुरूआती चरण में उन्हें घुटने की चोट का सामना करना पड़ा.

उन्होंने कहा, ‘‘चोटिल होना मेरे करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय रहा. मैं घुटने की चोट के कारण छह महीने तक बाहर रहा और फिर दोबारा 2011 में मैं फिर छह महीने के लिये बाहर हो गया. मैं पूरे साल नहीं खेल सका, जो मेरे लिये काफी कठिन था.’’

पुजारा ने कहा, ‘‘जब आप चोटिल होते हो तो आपको दोबारा से लय में आने की जरूरत होती है. चोट मेरे करियर का सबसे कठिन हिस्सा थी लेकिन अब मैं इससे बाहर निकल गया हूं और अपनी फिटनेस पर काम कर रहा हूं.’’ 

Back to top button