घूसखोरी के खिलाफ एकत्र हुए शिक्षक

आज जिला संगठन के अध्यक्ष अनुराग मिश्र की अध्यक्षता में क्वीन्स इण्टर कालेज में सम्पन्न जिला संगठन की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में मासिक वेतन भुगतान, जी0पी0एफ, पेन्शन, वेतन निर्धारण, चयन/प्रोन्नत वेतनमान आदि में की जा रही घूसखोरी पर तत्काल प्रभाव से जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा अंकुश नही लगाया गया तो जिला संगठन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना/प्रदर्शन करेगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिला विद्यालय निरीक्षक के ढुलमुल रवैये के कारण सात माह से विभिन्न विद्यालयों में ठोकरें खा रहे मृतक आश्रित अजय त्रिपाठी को यदि दि0 10 दिसम्बर तक जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा अपने कार्यालय में कार्यभार ग्रहण नही ग्रहण कराया गया तो शाखा इकाई एवं जिला संगठन के पदाधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक का उनके कार्यालय में घेराव करेगें।
‌‌उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं जिला संरक्षक डा0 आर0पी0 मिश्र, जिलाध्यक्ष अनुराग मिश्र एवं जिलामंत्री डा0 आर0के0 त्रिवेदी ने बताया जिला विद्यालय निरीक्षक डा0 मुकेंश कुमार सिंह एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक से घूसखोरी के लिए चर्चित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के0के0 तिवारी तथा लेखालिपिक छुटकन्ने द्वारा की जा रही घूसखोरी की लिखित शिकायत की गई थी। आश्चर्य है कि जिला विद्यालय निरीक्षक ने घूसखोरी की बात स्वयं स्वीकार भी थी किन्तु कोई कार्यवाही नही की गई वरन स्थानान्तरित किए गए लेखालिपिक छुटकन्ने को रिलीव नही किया गया।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि संज्ञान में आया है कि सुनियोजित तरीके से अधिकांश विद्यालयों में मासिक वेतन भुगतान में की जा रही घूसखोरी के लिए विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों को बाध्य कर वसूली कराई जाती है और जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में रु0 500/- से रु0 1000/- तक भु्रगतान किए जाने पर ही वेतन पास होता है अन्यथा आपत्ति लगाकर बिल वापस किए जाते है। जिला विद्यालय निरीक्षक को संज्ञानित कराये जाने के बाद भी रोक नही लग पाई है। उन्होने बताया कि इसी प्रकार जा0पी0एफ0 भुगतान, पेन्शन, चयन/प्रोन्नत वेतनमान, वेतन निर्धारण, अवशेषों, पदोन्नति आदि के प्रकरणो के निस्तारण में घूसखोरी की जाती है और घूस की धनराशि न मिलने पर प्रकरणों को महीनों लम्बित रखे जा रहे हैं।

शिक्षक नेताओं ने बताया कि काशीश्वर इ0का0 के दिवंगत शिक्षक स्व0 महेन्द त्रिपाठी के पुत्र अजय त्रिपाठी की नियमानुसार एक माह में मृतक आश्रित के रूप में नियुक्ति होनी थी। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण अजय त्रिपाठी नियुक्ति के लिए अपेक्षित घूसखोरी की धनराशि नही दे पाए इसलिए उनकी नियुक्ति आवश्यकता होने के बाद भी उसी विद्यालय काशीश्वर इ0का0 में नही की गई। अजय त्रिपाठी को पहले डी0ए0वी0 इण्टर कालेज में कार्यभार ग्रहण कराने के लिए भेजा गया। प्रबन्धक मा0 न्यायालय चले गए। कई माह बीत जाने के बाद भी जब जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा कोई वेकल्पिक कार्यवाही नही की गई तोीभभ इकाई के पदाधिकारियों द्वारा सम्पर्क किए जाने पर शिक्षा निदेशक मा0 द्वारा किसी अन्य विद्यालय में समायोजित किए जाने के आदेश दिए गए। शिक्षा निदेशक के आदेश पर पहले तो जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा कोई ध्यान नही दिया गया किन्तु बाद में जिला संगठन की आन्दोलन की चेतावनी के बाद अजय त्रिपाठी को लखनऊ मान्टेशरी इ0का0 और बाद में लाला रामस्वरूप शिक्षा संस्थान इ0का0 बंथरा में कार्यभार ग्रहण कराने के आदेश दिए गए किन्तु अभी तक कार्यभार ग्रहण नही हो पाया है जिससे मृतक स्व0 त्रिपाठी का परिवार गम्भीर आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहा है। अगर घूस की रकम मिल गई होती तो आज लगभग सात माह से अजय त्रिपाठी दर दर न भटक रहे होते।
बैठक में जिला कार्यकारिणी के वार्षिक निर्वाचन के लिए जिलाध्यक्ष एवं मंत्री को निर्वाचन अधिकारी से सम्पर्क कर निर्वाचन कार्यक्रम जारी कराने के लिए अधिकृत किया गया। बैठक में प्रमुख रूप से प्रदेशीय मत्री एवं जिला संरक्षक डा0 आर0पी0 मिश्र, जिलाध्यक्ष अनुराग मिश्र, जिलामंत्री डा0 आर0के0 त्रिवेदी के अलावा प्रदेशीय मंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुधा मिश्रा, कोषाध्यक्ष महेश चन्द्र, आय व्यय निरीक्षक विश्वजीत सिंह, डी0पी. श्रीवास्तव, चन्द्र प्रकाश शुक्ल, डा0 ओ0पी0 त्रिपाठी, इन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, आरती जोशी, सुमन लता, मीता श्रीवास्तव, अनीता सिंह, रामकेवल मिश्र, राम सेवक गौतम, वेन्कटेश सरोज, अब्दुल वासित खां, मन्जू चौधरी, पियूष सक्सेना, विमला जोशी, बाल कृष्ण त्रिपाठी, वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, अनिल वर्मा, ओ0पी0 श्रीवास्तव, शैलेन्द्र कुमार शुक्ल, रजनेश शुक्ल आदि उपस्थित थे।

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