वहीं मंगलवार को बेटी की हत्या से पहले मोनू सहित पूरे परिवार ने एक कमरे में बैठकर सलाह की थी और बाद में बेटी की हत्या कर दी। पीड़ित तिलकराम ने पति मोनू, ससुर श्यौराज सिंह, सास जयवीरी व जेठ पप्पू को नामजद करते हुए हत्या का मामला दर्ज कराया है।
शराब पीने का विरोध करने पर की हत्या
पुलिस के अनुसार निशा मोनू के शराब पीने पर आपत्ति करती थी। घटना वाले दिन भी शराब पीने को लेकर दोनों में विवाद हुआ। जिसमें शराबी पति ने पहले पत्नी का चाकू से गला काटा और बाद में चाकू टूट जाने पर पास में ही पड़ी कुदाल से निशा पर कई वार किए। मोनू पत्नी पर तब तक वार करता रहा जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। मोनू अपने नौ माह के बच्चे को भी मौत के घाट उतार चुका था।
पुलिस ने आरोपियों को फरार होने का दिया पूरा मौका
निशा के परिजनों का आरोप है कि मां-बेटे की हत्या की सूचना पर पहुंची खरखौदा पुलिस ने हमें सूचना दिए बिना आरोपी पक्ष से ही शव का पंचनामा भरवाकर शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिए थे। बाद में जब हमने ससुराल वालों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया तो सभी आरोपी मकान का ताला लगाकर फरार हो गए। आरोप है कि पुलिस ने केवल हत्यारोपी पति को ही गिरफ्तार किया जबकि बाकी आरोपियों को फरार होने का मौका दिया।