गोंडा : गर्भवती माताओं व बच्चों के टीकाकरण तथा प्रसव जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से क्षेत

गर्भवती माताओं व बच्चों के टीकाकरण तथा प्रसव जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से क्षेत्र में उपकेंद्रों का निर्माण कराकर कर उसमें एएनएम के बैठने का शासन से फरमान जारी हुआ था लेकिन, इस आदेश को यहां हवा में उड़ा दिया गया। देखरेख के अभाव जहां तमाम स्वास्थ्य उपकेंद्र जर्जर हालत में पहुंच गये हैं तो कई जंगली झाड़ियों से घिर चुके हैं।

परसपुर सीएचसी में प्रथम व द्वितीय उपकेंद्र के संचालित होने के अलावा मलांव, निहालपुरवा, मंगुरा बाजार, लोहंगपुर, चांदपुर, खरगूपुर, दुर्गोड़वा, सालपुर धौताल, डोमा अहलाद, त्योरासी, उतरौला, कड़रू, बेलमत्थर, आंटा, भौरीगंज, पूरेलाली, चरसड़ी, बहुअन मदार मांझा, पसका, पूरे तिवारी, विशुनपुर कला, डेहरास पश्चिमी, डेहरास पूर्वी, मोहना व बेलवानोहर समेत 28 स्वास्थ्य उपकेंद्र बने हैं। इसमें पसका, लोहंगपुर, मंगुरा बाजार, मोहना व त्योरासी उपकेंद्रों में टीकाकरण के अलावा प्रसव भी होता है लेकिन, पसका जैसे बाढ़ प्रभावित उपकेंद्र का कभी ताला ही नहीं खुलता। जिससे महिलाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। पूरेलाली, बहुअन मदार मांझा उपकेंद्र की साफ सफाई न होने से यह जंगली झाड़ियों की गिरफ्त में हैं।

जिम्मेदार के बोल

-प्रभारी अधीक्षक एसपी वर्मा ने कहा कि उपकेंद्र 28 है, जबकि एएनएम केवल 12 है। दिन का बंटवारा करके इन्हीं 12 एएनएम से सभी केंद्रों का संचालन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता खत्म होते ही सभी केंद्रों पर एएनएम की तैनाती हो जाएगी।

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