गोंडा का ये गांव दे रहा गवाही, पीएम की हर गांव तक बिजली योजना की खोल रहा पोल

गोंडा। यूपी के गोंडा जिले का ये गांव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर गांव तक बिजली पहुंचाने के दावे की पोल खोलता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल विकास खण्ड मुज़ेहना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत दुर्जनपुर के गाँव शेरापुर में आज तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा नहीं किया जा सका। इससे गाँव की लगभग 15 सौ की आबादी आज तक इस विकास के दौर में ढिबरी और लालटेन की रौशनी में जीने को मजबूर है।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल 2018 को ट्वीट कर यह जानकारी दी थी कि 28 अप्रैल के दिन को भारत का एक ऐतिहासिक दिन माना जाएगा क्‍योंकि इस दिन तक हर गांव में बिजली पहुंचाने का कार्य पूरा कर लिया गया है।

28th April 2018 will be remembered as a historic day in the development journey of India. Yesterday, we fulfilled a commitment due to which the lives of several Indians will be transformed forever! I am delighted that every single village of India now has access to electricity.— Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2018गाँव में करीब दो दर्जन से अधिक छात्र हैं, जिन्हें पढ़ाई करने अथवा ऑनलाइन शिक्षा से जुडी व्‍यवस्थाएं नहीं मिल पा रही हैं। जानकारी लेने पर गाँव के लोगों ने बताया कि करीब तीन वर्ष पूर्व गाँव में बिजली पहुंचाने के लिए खम्भे लगाये गए थे, कई घरों में मीटर लगे रसीदें काट कर थमा दी गईं।

लेकिन बिजली आज तक गाँव नहीं पहुंची। गाँव के कोटेदार ने बताया की उन्हें राशन वितरण करने के लिए ई-पास मशीन को दूसरे गाँव में बैठ कर चार्ज करवाना पड़ता है। एक बार मशीन चार्ज करने के लिए करीब पांच घण्टे निरन्तर बिजली की आवश्यकता पड़ती है।

गाँव में बिजली न होने से मोबाइल चार्ज करने के लिए बाज़ार के दुकानदारों को पांच से दस रूपये चार्जिंग शुल्क देने पड़ते हैं। गर्मी से निजात पाने के लिए गाँव के लोग हाथ का पंखा झलते हैं दिन में पेड़ों के नीचे किसी तरह गर्मी से बचा जाता है।

इस गाँव के बारे में जानकारी होने पर लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ता गणेश नाथ मिश्रा ने गाँव पहुंच कर वास्तविक स्थिति को जाना। उन्होंने कहा कि अगर किसी कस्बे की या बाज़ार की आपूर्ति दो दिन बाधित रहे तो भूचाल आ जाता है, धरना प्रदर्शन होने लगते हैं, किन्तु जिस गाँव में सैकड़ों लोग देश आजाद होने से ले कर अब तक बिना बिजली के जीवन बिता रहे हो, वहां के लोगों का दर्द क्यों नही सुना गया?

उन्होंने इस सम्बन्ध में बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों को गाँव में ही बैठ कर पत्र लिखा और सभी ग्रामवासियों ने उस मांग पत्र पर सभी ने हस्ताक्षर किये व अंगूठा निशानी भी लगाया। अधिवक्ता गणेश नाथ मिश्रा ने कहा है की पहले तो अधिकारियों को गाँव वालों की इस बड़ी समस्या से अवगत कराया जायेगा उसके बाद भी यदि विद्युतीकरण नहीं होता है तो उच्चन्यायालय की शरण ली जायेगी। जब तक गाँव में बिजली नहीं आ जाती, तब तक उन्होंने इसके लिए आंदोलन चलाते रहने की बात कही है।

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