गुस्से से आगबबूला महिलाओं को देख पीछे भागी पुलिस, 3 घंटे तक चला बवाल

इटावा फ्रेंड्स कालोनी इलाके में जेपी गार्डन के पास गुरुवार को आर्मी पब्लिक स्कूल की बस से कुचल जाने से अधेड़ की मौत के बाद तीन घंटे तक बवाल चलता रहा। रास्ता जाम करने वालों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग करने की कोशिश की। पुलिस के लाठियां फटकारते ही महिलाओं का आक्रोश बढ़ गया। वे पुलिस से भिड़ गईं। ये सब देख पुलिस पैर पीछे खींचने को मजबूर हो गई। 
गुस्से से आगबबूला महिलाओं को देख पीछे भागी पुलिस, 3 घंटे तक चला बवाल
 
रास्ता जाम होने की सूचना ही फ्रेंड्स कालोनी थानाध्यक्ष भोलू सिंह भाटी मौके पर पहुंच गए, लेकिन रास्ता जाम करने  वालों ने उनकी एक न सुनी। इस पर बाद मे आसपास के थानों की फोर्स बुलाई गई। सदर विधायक सरिता भदौरिया के सामने रास्ता जाम करने वाली महिलाओं ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि पुलिस उनकी बात सुनने के बजाय लाठिया बरसाई। वे पुलिस के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग करने लगे। हालांकि विधायक के समझाने पर करीब तीन घंटे बाद रास्ता खुल गया। 
अशोक कुमार की पुत्री ज्योति पचावली रोड स्थित कृष्णा स्कूल में पढ़ती है। वह सुबह अपनी पुत्री को छोड़ने व छुट्टी के बाद उसे बाइक से लेने के लिए आता था। गुरुवार को भी वह छुट्टी के समय अपनी पुत्री को स्कूल से लेने के लिए आया था।  वह स्कूल तक नही पहुंच सका। उसके पहले ही उसे तेजी से आ रही स्कूली बस ने रौंद दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। ज्योति स्कूल के बाहर खड़ी होकर अपने पापा के आने का इंतजार कर रही थी।  लोगों की भीड़ उधर जाती दिखाई दी। लोगों ने बताया कि एक्सीडेंट हो गया तो वह भी लोगों के साथ देखने के लिए वहां पहुंच गई। वहां पर अपने पापा को पड़ा देखा तो वह चीख पड़ी। उसके बाद लोगों कोे जानकारी हुई तो उसके घर वालों को दी। ज्योति की चीख सुनकर वहां मौजूद लोगों के आंखों में आंसू आ गए। सूचना पर उसके परिवार के लोग भी आ गए। 

जाम लगाने वालों को समझाते पुलिस अधिकारी

जिस समय यह हादसा हुआ उस समय स्कूलों की छुुट्टी का समय था। अलग-अलग स्कूलों की बसें बच्चाें को  छोड़ने के लिए निकल रही थी लेकिन जाम के कारण वह भी फंस गई। दोपहर की भीषण गर्मी के कारण बच्चों का बुरा हाले हो गया। जब लोगों के बच्चे घर नही पहुंचे तो वह उन्हें खोजते हुए पहुंचे। वह अपने बच्चों को अपने साथ ले गए। इसके अलावा बहुत से बच्चों को बसों से उतर कर पैदल ही अपने घरों को जाना पड़ा । इसके अलावा उधर से गुजरने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बहुत से वाहन चालकों को तो दूसरे रास्तों से होकर अपने वाहन लेकर बच्चों को छोड़ने गए।

जाम लगाने वालों को समझाते पुलिस अधिकारी

सुल्तान पुरा के अड़्डा अकबर निवासी अशोक  कुमार के दो लड़के व तीन पुत्रियां हैं।  उसने एक पुत्री की शादी कर दी है। वह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। लोगों ने बताया कि वह शटरिंग का काम करता था। इससे ही उसके परिवार की रोजी-रोटी चलती थी। वह अपनी पुत्री ज्योति को पढ़ाना चाहता था जिसके कारण उसने उसका प्रवेश कृष्णा स्कूल में कराया था।  
 
 
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