गुजरात सरकार ने सवर्ण आरक्षण में किया बड़ा बदलाव, अब इस तरह मिलेगा लाभ
अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने बुधवार को कहा है कि वो सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के प्रत्याशियों को 10 फीसद आरक्षण देने के लिए मात्र 8 लाख रुपये वार्षिक आय सीमा को ही इसके मानदंड के अंतर्गत सम्मिलित करेगी और भूमि और घर के मालिकाना हक के शर्तों को इसमें शामिल नहीं करेगी।
अहमदाबाद में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। गुजरात सरकार के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार इस बात पर विचार नहीं करेगी कि 10 फीसद आरक्षण के लिए लाभार्थी के परिवार के पास कितने एकड़ कृषि योग्य भूमि है या कितने वर्गफीट का घर है। लाभार्थी के परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये से कम होने पर ही उम्मीदवार आरक्षण का लाभ लेने के योग्य होंगे।
उल्लेखनीय है कि केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से हाल ही में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान करने के बाद गुजरात इसे लागू करने वाला पहला राज्य है। सवर्ण आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 13 जनवरी को इस बिल को अनुमति दे दी है। इससे पहले गुजरात सीएम विजय रूपाणी ने कहा था कि राज्य में सवर्ण आरक्षण 14 जनवरी से लागू हो जाएगा।