गुजरात चुनावः सौराष्ट्र की बदली हवा के बीच आसान नहीं भाजपा की डगर, शाह के रवैये से खफा हैं नेता
ये भी पढ़ें: बड़ा खुलासा: 210 सरकारी वेबसाइटों ने लीक किया आधार से जुड़ा डाटा
इसके अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रवैये को लेकर तमाम कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी है। कोई खुलकर आलोचना करने से डरता है लेकिन ‘ऑफ द रिकॉर्ड’ बोलने में किसी को कोई परहेज नहीं।
वोट प्रतिशत पर असर डालेगी नाराजगी
भाजपा के तमाम नेता दबी जुबान से कह रहे हैं कि लोगों के पास कोई विकल्प न होना एक मजबूरी है और इसका फायदा भाजपा को ही मिलेगा, लेकिन अबकी बार जो सरकार बनेगी वह पहले से और कमजोर होगी।
ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि इस बार मुद्दों से ज्यादा अहम पार्टी के अंदरूनी झगड़े और सरकार से लोगों की नाराजगी है। हालांकि भाजपा के निचली कतार के कार्यकर्ता रटे रटाए अंदाज में नोटबंदी और जीएसटी के दूरगामी फायदे गिना रहे हैं, लेकिन यह भी कह रहे हैं कि हमें जो कहा गया है वो तो करना ही है।
यही बात जामनगर और जूनागढ़ के दो पुलिस वालों ने कही। उनके अनुसार भाजपा इस बार 90 से ऊपर नहीं जाने वाली। ऐसे में सरकार बनेगी भी तो बड़ी मुश्किल से।
सौराष्ट्र की सीटों में पुलिस वाले इस बार कांग्रेस को 48 में से 25 दे रहे हैं। उनका कहना है कि वे गांव-गांव ड्यूटी कर रहे हैं और लोगों की नाराजगी देख रहे हैं। सब मानते हैं कि 2012 तो मोदी जी की वजह से जीते, लेकिन अब मोदी नहीं तो भाजपा नहीं। इन लीडरों को कोई नहीं मानता।