गर्भ में पल रहा बच्चा आपकी सोच से ज्यादा स्मार्ट होता है स्टडी में हुआ खुलासा

जब पहली बार किसी औरत को पता चलता है कि वह मां बनने वाली है, तब से लेकर जब बच्चा पहली बार गर्भ के अंदर किक मारता है, जब वह पहली बार हिचकी लेता है, जब आप उसकी पहली बार हार्ट बीट सुनती हैं

… ये सारे अनुभव बेहद खास होते हैं। मां के लिए 9 महीने तक अपने गर्भ में बच्चे को पालना एक बेहद खास और स्पेशल एक्सपीरियंस होता है। इस दौरान गर्भ में धीरे-धीरे बड़ा हो रहा आपका बच्चा अपनी पोजिशन बदलता है, इधर-उधर घूमता है, कभी ऐक्टिव रहता है तो कभी शांत हो जाता है…आपको शायद यकीन ना हो लेकिन कभी कभार तो बच्चा गर्भ के अंदर रोता भी है।

बच्चे की इंद्रियां होती हैं विकसितनई स्टडी में खुलासा हुआ है कि गर्भ में पल रहा बच्चा आपकी आवाज सुनने और किक मारने के अलावा और भी बहुत कुछ करता है। गर्भ में धीरे-धीरे पल रहा और बड़ा हो रहा शिशु आपकी और हमारी सोच से कहीं ज्यादा स्मार्ट होता है। बर्क्ले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के एक्सपर्ट्स ने खुलासा किया है कि भले ही गर्भ में पल रहा बच्चा अभी डिवेलपमेंट की स्टेज में हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि उसके सेंसेज यानी इंद्रियां विकसित नहीं हो रही होतीं।

पैदा होने से पहले ही बच्चे को देखना और आसपास मौजूद चीजों को महसूस करना आ जाता है। बच्चे की आंख में स्थित रेटिना में मौजूद लाइट सेंसेटिव सेल्स जिन्हें पहले सिर्फ बच्चे को दिन और रात के बीच बैलेंस बनाए रखने में मददगार माना जाता था, उसकी मदद से बच्चे की आंखों को सेंसिटिविटी मिलती है, ब्रेन का विकास होता है और बच्चे का भविष्य भी बेहतर होता है। साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे बहुत ज्यादा अवेयर यानी जागरुक भी होते हैं।

सीखना और याद करना शुरू कर देता है बच्चा
यही वजह है कि गर्भवती स्त्री के सामने कोई भी बात कहने से पहले सोच समझकर बोलना चाहिए। जांच करने पर यह बात भी सामने आयी कि बच्चे गर्भ के अंदर ही सुन भी सकते हैं और मां की बातों को सुनकर उसके हिसाब से प्रोसेस भी करने लगते हैं। स्टडी के नतीजों में यह बात सामने आयी कि गर्भ में पल रहा भ्रूण भी न्यू बॉर्न बेबी की ही तरह सीख सकते है और बातों को याद रख सकता है।

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