क्या आप जानते हैं फोन उठाते ही हम पहला शब्द ‘हैलो’ ही क्यों बाेलते हैं?

जब आपका मोबाइल या लैंडलाइन की रिंग बजती है तो आपको सबसे पहले जो शब्द बोला जाता है वो है ‘हैलो’। लेकिन कभी आपने सोचा है हैलो ही क्यों? दूसरा शब्द क्यों नहीं। हम आपको बताते हैं।क्या आप जानते हैं फोन उठाते ही हम पहला शब्द 'हैलो' ही क्यों बाेलते हैं?

   अगर मैं अपनी बात करूं तो मैंने तो अपने बचपन से पापा, मम्मी और घर के सभी लोगों को फ़ोन उठाते ही Hello बोलते ही सुना है। उसके बाद ही बाकी बात शुरू होती है। अब आप यही कहेंगे कि सब लोग ऐसे ही बोलते हैं इसमें कोई ख़ास बात तो नहीं है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि इसके पीछे एक बहुत ही रोमांचक इतिहास है, जिसके बारे में शायद ही कोई जानता होगा।

ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार, Hello शब्द पुराने जर्मन शब्द हाला, होला से बना है। ये शब्द पुराने फ्रांसीसी या जर्मन शब्द ‘होला’ से निकला है। ‘होला’ का मतलब होता है ‘कैसे हो’ या ‘हाल कैसा है जनाब का?’ प्राचीन समय में इस शब्द का इस्तेमाल समुद्र में यात्रा के दौरान नाविक किया करते थे।  लेकिन असल में कहानी कुछ और ही है। फोन का अविष्कार करने वाले अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को 10 मार्च 1876 को उनके टेलीफोन आविष्कार को पेटेंट मिला था।

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आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम ‘मारग्रेट हैलो’ था। जब कई सालों की मेहनत के बाद वो टेलीफ़ोन बनाने में सफल हुए तो सबसे पहले उन्होंने एक जैसे 2 फोन बनाए। उसमें से एक फ़ोन उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड को दे दिया और फ़ोन की सभी तकनीनीकि समस्याओं को दूर करने के बाद सबसे पहले ‘मारग्रेट हैलो’ को फोन किया और प्यार से बोला ‘हैलो’। उसके बाद जब भी वो अपनी गर्लफ्रेंड को फोन करते तो ‘हैलो’ ही बोलते थे। इसका कारण ये भी था कि वो अपनी गर्लफ्रेंड को प्यार से हैलो ही बुलाते थे।

टेलीफोन का आविष्कार होने के बाद जब लोगों ने इसका इस्तेमाल करना शुरू किया, तो शुरूआत में लोग फोन पर पूछा करते थे ‘Are You There?’लेकिन वो इतना लंबा शब्द नहीं बोलना चाहते थे। इसलिए आज तक हैलो ही बोला जाता है। शायद अब आपको पता चल गया होगा कि जब हम फोन उठाते हैं तो सबसे पहला शब्द हैलो ही क्यों बोलते हैं।

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