क्या आपको पता है कैसे चलता था पुष्पक विमान, अगर नहीं तो जरुर पढ़े ये खबर…
1. ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्मा ने यह विमान कुबेर को भेंट किया था। बाद में इस विमान को कुबेर से इसे रावण ने छीन लिया।
2. रावण की मृत्यु के बाद विभीषण इसका अधिपति बना और उसने फिर से इसे कुबेर को दे दिया। कुबेर ने इसे राम को उपहार में दे दिया था। राम लंका विजय के बाद अयोध्या इसी विमान से पहुंचे थे।
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3. श्री लंका के श्रीरामायण रिसर्च कमेटी के अनुसार रावण के पास अपने पुष्क विमान को रखने के लिए चार हवाई अड्डे थे। इन चार हवाई उड्डे में से एक का नाम उसानगोड़ा था। इस हवाई अड्डे को हनुमान जी ने लंका दहन के समय जलाकर नष्ट कर दिया था।
4. वाल्मीकि रामायण के अनुसार पुष्पक विमान मोर जैसी आकृति का आकाशचारी विमान था, जो अग्नि-वायु की समन्वयी ऊर्जा से चलता था।
5. इसकी गति तीव्र थी और चालक की इच्छानुसार इसे किसी भी दिशा में गतिशील रखा जा सकता था। आपको बता दें कि ये विमान बैठने वालों की संख्या के हिसाब से छोटा-बड़ा हो जाता था।
6. पुष्पक विमान आज के किसी भी विमान से तकनीक के मामले में कहीं आगे था और इसका मुकाबला करना काफी मुश्किल था।
7. ताजा शोधों से पता चला है कि यदि उस युग का पुष्पक या अन्य विमान आज आकाश गमन कर ले तो उनके विद्युत-चुंबकीय प्रभाव से मौजूदा विद्युत व संचार जैसी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो जाएंगी।