GST की दरों में कटौती के बाद भी एयरकंडीशन रेस्टोरेंट में खाना खाने वालों को पुरानी दर पर ही बिल चुकाना पड़ रहा है। अब सरकार ऐसे रेस्टोरेंट्स के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी कर रही है जो जीएसटी कम होने का फायदा अपने ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रहे हैं।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, जल्द ही सरकार ऐसे रेस्टोरेंट्स पर कार्रवाई कर सकती है। गौरतलब है कि अभी किसी भी रेस्टोरेंट में मिलने वाले खाने की कीमत तय करने का हक उसके मालिक के पास है।
अब जबकि सरकार ने रेस्टोरेंट के बिल पर लगने वाली जीएसटी दर को कम कर दिया है तो इसका फायदा ग्राहकों को कम बिल के रूप में मिलना चाहिए। लेकिन देश के अधिकांश रेस्टोरेंट ऐसा नहीं कर रहे हैं। वहां जीएसटी की दर भले ही घट गई है, लेकिन रेस्टोरेंट मालिकों ने खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ा दी है, जिससे ग्राहकों को अभी भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। जबकि पांच फीसदी से जीएसटी लगने की वजह से बिल राशि कम होनी चाहिए थी।
कई लोगों ने तो रेस्टोरेंट्स के बिल सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपना गुस्सा जाहिर किया है। इसके बाद McDonalds ने सफाई दी थी कि सरकार ने जीएसटी की दर कम करने के साथ ही इनपुट टैक्स क्रेडिट हटा दिया है जिसकी वजह से ऐसा करना पड़ा। रेस्टोरेंट मालिकों की इस सफाई को वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने गलत बताया है। उन्होंने कहा कि अगर इनपुट टैक्स क्रेडिट के हटाने के वजह से ऐसा हो रहा है तो जब जीएसटी लागू हुआ था तब तो इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं हटाया गया था तो तब कीमत में कमी क्यों नहीं आई?
खबर के मुताबिक, अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकार के पास अधिकार है कि वह किसी की शिकायत पर गौर करने के अलावा अपनी तरफ से भी किसी रेस्टोरेंट पर भारी जुर्माना लगा सकती है। उन्होंने बताया कि अगर कोई रेस्टोरेंट मुनाफाखोरी में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ ऐसा एक्शन होगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने 211 प्रोडक्टस पर जीएसटी की दरों को कम किया है जिसमें एसी रेस्टोरेंट में खाना भी शामिल है।