कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न महामारी की तरह:स्वरा भास्कर

 हाल ही में फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ में नज़र आईं बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर का कहना है कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न महामारी की तरह है और वह फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री के जरिए इस संबंध में जागरूकता लाने की उम्मीद करती हैं. अभिनेत्री शुरू से भारत के #MeToo मूवमेंट की समर्थक रही हैं. ‘सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन’ (सिंटा) ने हाल ही में एलान किया कि वह मनोरंजन उद्योग में यौन उत्पीड़न जैसे मामलों से निपटने के लिए समिति गठित करेगा और स्वरा भास्कर, रेणुका शहाणे और रवीना टंडन जैसी अभिनेत्रियां इसकी सदस्य होंगी.

समिति में अपनी भूमिका के बारे में स्वरा ने कहा, “मैं सिंटा की गठित सह-समिति का हिस्सा हूं जो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ इसके सदस्यों द्वारा जागरूकता वर्कशॉप आयोजित करेगा. हमारे मनोरंजन उद्योग में कुल 24 यूनियन हैं और इसके पांच लाख से ज्यादा सदस्य हैं, तो हम इस मुद्दे पर इन यूनियनों के साथ काम करने की कोशिश करेंगे.”

वेडिंग जंक्शन शो 2018 में शामिल होने आईं अभिनेत्री ने कहा, “जब आप #MeToo की कहानियां सुनते हैं तो फिर आपको अहसास होता है कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले महामारी की तरह हैं. यह एक बीमारी की तरह है इसलिए इस सह-समिति द्वारा जागरूकता लाना बेहद जरूरी है.

आपको बता दें कि हाल के दिनों में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई बड़े नामों पर #MeToo के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. इन नामों में फिल्ममेकर साजिद खान, सिंगर कैलाश खेर, अभिनेता रजत कपूर, निर्देशक विकास बहल, अभिनेता आलोक नाथ और सिंगर और म्यूज़िक कंपोज़र अनु मलिक जैसे दिग्गज शामिल हैं. भारत में तनुश्री दत्ता के नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद से एक एक कर कई महिलाएं सामने आईं और अपनी आपबीती शेयर की है.

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