कंडोम लेने खरीदने से पहले जान ले ये… जरुरी बाते नही तो…

यह बात तो हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है कि सेक्स के दौरान कंडोम का उपयोग करना बहुत जरूरी होता है. ये न केवल अनचाहे गर्भ से बचाता है बल्कि यौन रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करता है. अब तक आपने कंडोम के बारे में कई तरह की बाते सुनी होंगी लेकिन क्या आपको कंडोम के साइज़ के बारे में कुछ पता है.

इस बात में कोई शक नहीं है कि इससे पहले आपने कभी भी कंडोम के साइज़ पर ध्यान नहीं दिया होगा. आज हम आपको कंडोम के साइज़ के बारे में कुछ बताने जा रहे हैं. अगर कोई पुरुष अपने लिंग के साइज़ के अनुसार कंडोम का उपयोग नहीं करता है, तो उसे सेक्स में दिक्कत और असहजता हो सकती है. कहने का मतलब ये है कि कंडोम खरीदने से पहले उसके साइज़ और अन्य जरूरी बातों पर गौर करना जरूरी है.

कंडोम के साइज़ के बारे में जरूरी बातें

खरीदने के दौरान कंडोम के ब्रांड, स्टाइल और साइज़ पर ध्यान जरूर दें. अमूमन कंडोम लैटेक्स से बनते हैं लेकिन कई बार कंडोम में पॉलियुरेथेन (एक प्रकार का प्लास्टिक) और अन्य चीज़ों का भी इस्तेमाल किया जाता है ताकि इसे मेडिकल डिवाइस की श्रेणी में रखा जा सके. इसी वजह से कंडोम बनाने वाली कंपनियों को इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन (आईएसओ) के मानकों को पूरा करना होता है.

उदाहरण के तौर पर कंडोम का एयर बर्स्ट और इलेक्ट्रिकल टेस्ट किया जाता है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वह इस्तेमाल के दौरान न फटे और कहीं उनमें कोई छेद तो नहीं है. इसके साथ ही आई.एस.ओ इसकी मोटाई का भी ध्यान रखता है जिससे इस्तेमाल के दौरान असहजता न हो.

कंडोम की इन खूबियों के बावजूद 50 फीसदी पुरुषों का मानना है कि वे ऐसे कंडोम का उपयोग करते हैं जो उन्हें फिट नहीं होते. हाल ही में हुए एक सर्वे से पता चला है कि लगभग एक तिहाई पुरुषों की हमेशा ये शिकायत रहती है कि उन्हें कंडोम या तो बहुत टाइट होता है या फिर फिट नहीं बैठता. जबकि बाकी पुरुषों का कहना है कि या तो कंडोम बहुत लंबा होता है या फिर बहुत छोटा या बहुत ढीला. इसके अलावा कुछ और भी समस्याएं कंडोम के उपयोग में झेलनी पड़ती हैं जैसे कंडोम का फिसलना या टूटना. हालांकि, इस तरह की समस्या कम आती है.

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