एकता कपूर की इस हीरोइन को सनी लियोन बनाने की कोशिश
कलाकार: मधुस्नेहा उपाध्याय, प्रिया बनर्जी, राजीव सिद्दार्थ, जितेंद्र हीरावत, आनंदिता सिंह।
लेखक: नवनील चक्रवर्ती, वैभव मोदी, आनंद शिवकुमारन
निर्देशक: अक्षय चौबे
ओटीटी: ऑल्ट बालाजी
एकता कपूर की कंपनी बालाजी टेलीफिल्म्स ने टेलीविजन में पहले सास बहू और फिर पारलौकिक शक्तियों की कहानियां दिखाकर जो नाम छोटे परदे पर कमाया, उस पर उनके ओटीटी ऑल्ट बालाजी के लिए बन रहीं वेब सीरीज एक के बाद एक पानी फेर रही हैं।
अश्लील, उत्तेजक और अंग प्रदर्शन वाली इन वेब सीरीज से एकता कपूर को हिट्स भले मिल जा रहे हों, लेकिन उनकी कंपनी की ब्रांडिंग के लिए ये बड़ा खतरा हैं। टेली ट्यूब क्वीन का तमगा छोड़ एकता कपूर भारत की पोर्न क्वीन का टाइटल पाना चाहती हों, तो बात दूसरी है।
ऑल्ट बालाजी की नई वेबसीरीज बेकाबू एक मशहूर लेखक कियान रॉय की कहानी है, जिसके पीछे कश्ती नाम की एक लड़की पड़ी है। कियान की पब्लिशिंग एजेंट को इसमें मीडिया के लिए एक बढ़िया स्टोरी नजर आती है, लेकिन मामला सिर्फ स्टाकिंग भर का ही यहां नहीं है।
ओटीटी स्पेस में पहले से प्रकाशित किताबों पर वेब सीरीज और ओरीजनल फिल्में बनाने को सबसे सुरक्षित रास्ता माना जाता है, यहां भी वही करने की कोशिश है, पर जोर इस सीरीज में कहानी पर कम और उत्तेजक दृश्यों पर ज्यादा है।
निर्देशक अक्षय चौबे की शॉट टेकिंग में किसी तरह की नवीनता नहीं है। अंतरंग दृश्यों को फिल्माने के लिए वह रामगोपाल वर्मा की स्टाइल फॉलो करने की कोशिश करते हैं और फोकस खो बैठते हैं। स्टॉकर का जो किरदार सीरीज का सबसे दिलचस्प पहलू हो सकता था, उसे ही उनके निर्देशन ने सबसे कमजोर कर दिया है। प्रिया बनर्जी में ऐसे कठिन किरदार करने का दमखम भी नजर नहीं आता। एकता कपूर ने प्रिया को दूसरी सनी लियोन बनाने की कोशिश तो की पर इसमें कामयाबी मिली नहीं।
नवनील की लिखी कहानी पर ही अगर निर्देशक अपना फोकस बनाए रखते और इसे सॉफ्ट पोर्न सीरीज बनाने के जाल में नहीं भटकते तो ये वेब सीरीज इस सीजन की चर्चित सीरीज हो सकती थी।