उत्तराखंड विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए हुआ स्थगित, 9 विधेयक हुए पारित, लिए दो अहम फैसले

शुक्रवार को विधानसभा बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया। 11 फरवरी से शुरू हुआ सत्र कुल 33 घंटे 49 मिनट चला। इसमें नौ विधेयक पारित करने के साथ ही पीठ ने दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर विनिश्चय (निर्णय) दिए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र में 20 से 22 फरवरी को सदन में प्रश्नकाल के दौरान आए सभी तारांकित प्रश्नों को उत्तर दिया गया। 10 बार ऐसा हुआ है कि सदन के पटल पर रखे गए सभी तारांकित प्रश्नों का प्रश्नकाल के दौरान निर्धारित समय अवधि में उत्तर दिए गए।उत्तराखंड विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए हुआ स्थगित, 9 विधेयक हुए पारित, लिए दो अहम फैसले

शुक्रवार को बजट सत्र स्थगित करने के बाद प्रेसवार्ता में विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि प्रश्नकाल सदन का महत्वपूर्ण अंग होता है। जिसमें हंगामा होने के कारण सदन की कार्रवाई में व्यवधान की संभावना रहती है, लेकिन सभी सदस्यों के सहयोग से सदन सुचारू रूप से चला। नियम 300 के अंतर्गत 112 सूचनाएं प्राप्त हुई। इसमें 29 स्वीकृत व 27 सूचनाएं ध्यानाकर्षण के लिए रखी गई। नियम 53 के तहत 72 सूचनाओं में 10 स्वीकृत व 17 ध्यानाकर्षण के लिए रखी गई।

नियम 58 में 31 सूचनाओं में 17 स्वीकृत की गई। वहीं, नियम 310 के अंतर्गत एक सूचना प्राप्त हुई, जो स्वीकृत की गई। सदन में 2 असरकारी संकल्प, नियम 105 के तहत दो प्रस्ताव व 125 याचिकाओं में से 32 स्वीकृत याचिकाओं को सदन पटल पर रखा गया।
बजट सत्र में कुल 710 प्रश्न प्राप्त हुए। इसमें 170 तारांकित प्रश्नों में 101 के उत्तर दिए गए। जबकि 493 अतारांकित प्रश्नों में 340 का उत्तर दिया गया। 18 अल्प सूचित प्रश्नों में 9 अल्प सूचित प्रश्नों के उत्तर दिए गए। विधानसभा अध्यक्ष ने जहरीली शराब से हुई मौतें और उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण मुद्दे पर विनिश्चय दिए।

ये विधेयक हुए पारित
बजट सत्र के दौरान उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग संशोधन विधेयक, हिमालयी विश्वविद्यालय विधेयक, उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, भारतीय भागीदारी संशोधन विधेयक, सोसायटी रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक, उत्तराखंड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक, संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम संशोधन विधेयक, उत्तराखंड विनियोग विधेयक सदन पटल से पारित किए गए। जबकिउत्तराखंड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अध्यादेश भी सदन के पटल पर रखा गया।

Back to top button