इन समय पर आप किसी की भी कर सकते है हत्या, नहीं माना जाता है अपराध..

आजकल मर्डर, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। किसी इंसान की जान लेना कोई मज़ाक की बात नहीं है। कानून में भी इस कृत्‍य के लिए सख्‍त से सख्‍त सज़ा का प्रावधान है लेकिन अगर आप खुद को बचाने या आत्‍मसुरक्षा के लिए किसी की हत्‍या कर रहे हैं तो इसे अपराध नहीं माना जाएगा।
इन परिस्थितियों में जान से मार देना नहीं कहलाता मर्डर:
आत्मसुरक्षा: धारा 103 और 104 के तहत अगर कोई व्‍यक्‍ति आत्‍मसुरक्षा के लिए किसी की हत्‍या करता है तो उसे मर्डर नहीं कहा जाता है। खुद को किसी भी खतरे से सुरक्षित रखना आत्‍मसुरक्षा है।
नुकसान पहुंचाने वाला: अगर आप किसी के साथ हैं और अचानक से आपको महसूस होता है कि वो आपको नुकसान पहुंचाने वाला है तो ऐसी परिस्थिति में आप आत्‍मसुरक्षा के लिए उस पर हमला कर सकते हैं।

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महिला की सुरक्षा: अगर किसी महिला या लड़की को अहसास होता है कि कोई उस पर हमला करने वाला है या उसका रेप करने वाला है तो वो आत्‍मसुरक्षा के लिए उस इंसान की जान तक ले सकती है। 
महिला रेप की कोशिश: अगर कोई महिला रेप की कोशिश के दौरान किसी पुरुष को काट लेती है और इस वजह से उसकी मौत हो जाती है तो से भी मर्डर नहीं आत्‍मसुरक्षा कहलाता है।
अपहरणकर्ता पर हमला: अगर किसी व्‍यक्‍ति का अपहरण हो गया है तो वह व्‍यक्‍ति आत्‍मसुरक्षा में अपने अपहरणकर्ता पर हमला कर सकता है। 
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