आस्ट्रेलिया में पैदा होने वाले फल कीवी व कश्‍मीर के सेब की रेतीली जमीन पर खेती कर कमा रहे लाखों….

हरियाणा के जिले चरखी दादरी में किसान धमेंद्र श्‍योराण ने असंभव को संभव कर दिखाया है। जहां रेतीले टिब्बों में सीजनल फसलों की पैदावार भी पानी पर निर्भर हाेती है। वहां वे आस्ट्रेलिया में पैदा होने वाले फल कीवी व कश्‍मीर के सेब की खेती कर रहे हैं। इतना ही नहीं किसान ने एक ऐसी आर्गेनिक दवा भी तैयार की है जो किसी भी फल न देने वाले पौधे पर प्रयोग कि जाए तो वह फल देना शुरू कर देता है। चरखी दादरी जिले के बाढड़ा उपमंडल के गांव कान्हड़ा निवासी धर्मेंद्र श्योराण देशभर के किसानों के लिए प्रेरणादायक बन गए हैं।

हालांकि किसान को सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली फिर भी हौसला रखते हुए रेगिस्तान में सेब के साथ बादाम, अखरोट, काजू, अंजीर सहित चंदन के पेड़ भी उगा दिए हैं। धर्मेंद्र श्योराण द्वारा रेतीली मिट्टी में सेब पैदा करने व आर्गेनिक दवा तैयार करने की यह कामयाबी प्रदेश सरकार ही नहीं पीएम आफिस तक पहुंच चुकी है। किसान ने बताया कि वह अपने स्तर पर नई  तकनीक से खेती कर रहा है। सरकार द्वारा कोई सम्मान या सुविधा नहीं दी गई। किसान द्वारा तैयार की गई आर्गेनिक दवा को लेकर कृषि विश्वविद्यालय ही नहीं बल्कि आइसीआर भी हैरान है।

 

धर्मेंद्र का कहना है कि दवा बारे आईसीआर के वैज्ञानिक संपर्क करने की बात कह रहे हैं लेकिन अभी वह अपने देशी शोध योजना में किसी को शामिल नहीं करेंगे। किसान धर्मेंद्र श्योराण की मेहनत से लगता है अब हरियाणा में भी सेब, काजू, बादाम, केशर, अंजीर व पिस्ता की खेती हो सकेगी। किसान द्वारा लगाए सेब के पेड़ों पर इस गर्मी के मौसम में भी दर्जनभर सेब लगे हुए हैं। पिछली साल उनके घर में सेब के कुल 14 पेड़ थे।

दो साल मेहनत करने और सफलता मिलने के बाद उसने डेढ़ एकड़ में सेब का बाग लगा दिया है। उन्होंने बताया कि 2022 तक प्रधानमंत्री के सपने का साकार करते हुए वो सरकार द्वारा गन्नौर में खोली गई सेब मंडी में अपना सेब बेचकर आएंगे।

12वीं पास हैं धर्मेंद्र

किसान धर्मेंद्र श्योराण ने मात्र 12वीं तक की परीक्षा पास की है। वे अपनी मेहनत के बलबूते पर देश में कृषि व किसानों की हालत में सकारात्मक सुधार लाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। धर्मेंद्र  ने काजू, बादाम, केशर, व अंजीर जैसे पेड़ भी उन्होंने अपने घर पर लगा रखे हैं। किसान ने  बताया कि मेहनत के बल पर हर तरह की तरह की फसल, फल या फूल आदि किसी भी क्षेत्र में पैदा किए जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री, गर्वनर की तरफ से मिला है पत्र

धर्मेंद्र श्योराण ने हाल ही में अपने प्रयोग और उपलब्धि के बारे में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ आदि सहित विभागों को पत्र भी लिखा था। उन्होंने कहा है कि वे देश के किसानों की खुशहाली के लिए अपने प्रयोग को जारी रखेंगे और किसानों की हर संभव मदद भी करेंगे। उन्होंने बताया कि उसके लिखे पत्र का जवाब सिर्फ प्रधानमंत्री आफिस और हिमाचल गर्वनर की तरफ से आया है। हिमाचल गर्वनर के पत्र के बाद से ही उसके बाद बागवानी विभाग के अधिकारी पहुंचे हैं।

अब मदद करेगी सरकार : विधायक सुखविंद्र

बाढड़ा से भाजपा विधायक सुखविंद्र मांढी ने कहा कि किसान ने मेहनत कर असंभव को संभव किया है जो अन्य  किसानों के लिए भी प्रेरणादायक है। सरकार ऐसे किसानों को हर संभव मदद करेगी ताकि किसान खेती के विविधिकरण को अपनाकर नये आयाम स्थापित कर सकें।

विभाग हर संभव मदद का करेगा प्रयास

जिला उद्यान अधिकारी राजेश गोस्वामी ने बताया कि किसान धर्मेंद्र द्वारा सेब व अन्य फलदार पौधे उगाकर बेहतरीन कार्य किया है। विभाग द्वारा जो भी मदद होगी,  उसकी हर संभव मदद करने का प्रयास रहेगा। विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा भी किसान की खेती का निरीक्षण किया गया है। सरकार की ओर से मिलने वाले सम्मान व सुविधाओं को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है।

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