आर्युवेद में गुणों का भंडार है स्वर्ण भस्म, जानिए इससे होने वाले फायदों के बारे में

स्‍वर्ण भस्‍म का अगर सही तरिके से उपयोग किया जाये तो यह बहुत कारगर साबित होती है और आयुर्वेद के अनुसार स्‍वर्ण भस्‍म के फायदे कई प्रकार की जटिल स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। स्‍वर्ण भस्‍म का उपयोग समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि भस्‍म आखिर होता क्‍या है। भस्‍म एक प्रकार का पाउडर होता है जो आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण के लिए तैयार किया जाता है। यह शुद्ध धातुओं या खनिजों से बनाए जाते हैं। इस लेख में हम स्‍वर्ण भस्‍म के फायदे…आर्युवेद में गुणों का भंडार है स्वर्ण भस्म, जानिए इससे होने वाले फायदों के बारे में

मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए – मस्तिष्‍क स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख रूप से स्‍वर्ण भस्‍म का उपयोग किया जाता है। स्‍वर्ण भस्‍म युक्‍त दवा स्‍मृति, एकाग्रता, समन्‍वय और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करती है। स्‍वर्ण भस्‍म को अवसाद, मस्तिष्‍क की सूजन और मधुमेह के कारण न्‍यूरोपैथी जैसी स्थितियों के विरुद्ध भी उपयोग किया जाता है। स्‍वर्ण भस्‍म प्रभावी रूप से आंशिक और पूर्ण इलाज करने में मदद करती है। यदि आप किसी मानसिक समस्‍या से परेशान हैं तो किसी स्‍वास्‍थ्‍य सलाहकार की सलाह के बाद स्‍वर्ण भस्‍म का सेवन कर सकते हैं।

हृदय रोग के लिए – दिल की समस्‍याओं को दूर करने वाली अधिकतर दवाओं में स्‍वर्ण भस्‍म का उपयोग किया जाता है। स्‍वर्ण भस्‍म में मौजूद कुछ ऐसे पोषक तत्‍व होते हैं जो हृदय स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। स्‍वर्ण भस्‍म दिल के लिए उचित रक्‍त प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है जो दिल को मायोकार्डियल आइस्‍क्रीमिया से रोकता है। यह दिल में रक्त परिसंचरण को भी बढ़ाता है। इस प्रकार से स्‍वर्ण भस्‍म दिल और हृदय की मांसपेशियों को भी शक्ति प्रदान करता है। इसके गुण रक्‍त को शुद्ध करने में भी मदद करते हैं और कोरोनरी धमनियों को साफ करते हैं। इन्‍ही वजहों से स्‍वर्ण भस्‍म हृदय को स्‍वस्‍थ्‍य रखने में मदद करती है। आप भी अपने हृदय को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के लिए स्‍वर्ण भस्‍म युक्‍त दवाओं का सेवन अपने चिकित्‍सक की सलाह पर कर सकते हैं।

तनाव को कम करे – आयुर्वेद में स्‍वर्ण भस्‍म का विशेष स्‍थान है, क्‍योंकि बहुत सी दवाओं में इसका उपयोग किया जाता है। स्‍वर्ण भस्‍म के फायदे में तनाव को कम करना भी शामिल है। मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के साथ ही यह मस्तिष्‍क की कार्य क्षमता को बढ़ा सकता है। मस्तिष्‍क की कार्य क्षमता को प्रभावित करने वाले कारको में ध्‍यान की कमी, चिंतन, अत्‍याधिक उदासी, चिड़चिड़ापनऔर अनिद्रा आदि शामिल होते हैं। स्‍वर्ण भस्‍म का सेवन कर इन सभी समस्‍याओं को दूर किया जा सकता है। इस प्रकार की स्थिति में स्‍वर्ण भस्‍म को अब्रक भस्‍म और मुक्‍ता पिस्ति के साथ लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन किसी भी समस्‍या का उपचार करने के लिए दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्‍टर से सलाह लेना आवश्‍यक है। बिना डॉक्‍टर की अनुमति के किसी भी प्रकार की दवाओं का सेवन करना हानिकारक हो सकता है।

आंखों के लिए – जिन लोगों को आंख से संबंधित समस्‍याएं होती हैं उनके लिए स्‍वर्ण भस्‍म बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। स्‍वर्ण भस्‍म का उपयोग कर विभिन्‍न प्रकार की दवाएं बनाई जाती हैं जो कि आंखों की समस्‍याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकती हैं। इस प्रकार की दवाओं का उपयोग आंख आना, और इससे जुड़े अन्‍य लक्षणों के लिए किया जाता है। इन लक्षणों में शामिल हैं आंख का लाल होना, आंखों में खुजली और जलन होना आदि इस प्रकार की आंखों से संबंधित सभी समस्‍याओं के लिए स्‍वर्ण भस्‍म एक प्रभावी उपचार के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

कैंसर से बचाए – गोल्‍ड भस्‍म एक ऐसी औषधी है जो कि सामान्‍य रूप से सभी के हाथों में उपलब्‍ध नहीं हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि इससे बनी औषधीयां बहुत महंगी होती हैं। लेकिन इसका औषधीय रूप में उपयोग कर आप कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी का उपचार कर सकते हैं। स्‍वर्ण भस्‍म ट्यूमर और कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है। स्‍वर्ण भस्‍म में मौजूद घटक शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं और हानिकारक तत्‍वों और जीवाणुओं से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। आप भी स्‍वर्ण भस्‍म से बनी दवाओं और खाद्य पदार्थों का सेवन कर इस तरह की तमाम समस्याओं की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।

स्किन – जो लोग अपनी त्‍वचा के रंग से संतुष्‍ट नहीं हैं उनके लिए स्‍वर्ण भस्‍म कायाकल्‍प करने वाली औषधी है। सोने जैसा दमकता रंग प्राप्‍त करने के लिए स्‍वर्ण भस्‍म का उपयोग किया जा सकता है। स्‍वर्ण भस्‍म का उपयोग कर एटोपिक डार्माटाइटिस और सोरायसिस जैसी समस्‍याओं का भी इलाज किया जा सकता है। त्‍वचा के साथ-साथ यह पूरे शरीर का कायाकल्‍प कर सकती है। इसके अलावा यह आपके बालों को समय से पहले भूरा होने से भी रोक सकती है। त्‍वचा स्‍वास्‍थ्‍य स्‍वर्ण भस्‍म युक्‍त औषधीयों का उपयोग करने पर यह त्‍वचा की झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकता है। आप भी अपनी त्‍वचा के समग्र स्‍वास्‍थ्‍य के लिए स्‍वर्ण भस्‍म का इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

यौन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए – पुरुषों की यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए स्‍वर्ण भस्‍म का व्‍यापक रूप से उपयोग किया जाता है। स्‍वर्ण भस्‍म पुरुषों में स्तंभन दोष और समय पूर्व स्‍खलन जैसी समस्‍याओं को दूर करता है। पुरुषों के लिए स्‍वर्ण भस्म एक कामोद्दीपक की तरह कार्य करता है। इसका उपभोग करने पर पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही यह सहनशक्ति को बढ़ाने, वीर्य की गुणवत्‍ता को सुधारने और सेक्‍स टाईम में वृद्धि करने में सहायक होता है। स्‍वर्ण भस्‍म का उपयोग करने पर महिला और पुरुष दोनों में बांझपन और सिफलिस का इलाज करने में भी मदद मिलती है। इस तरह से स्‍वर्ण भस्‍म का इस्‍तेमाल कर यौन समस्‍याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

गर्भावस्‍था में – महिलाओं में गर्भावस्‍था के समय कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं जन्‍म लेती हैं। यह एक ऐसा समय होता है जिसमें महिलाओं को कई प्रकार के पौष्टिक और पोषक तत्‍वों से भरपूर खाद्य पदार्थों की आवश्‍यकता होती है। गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं को उल्‍टी, मतली, संवेदना जैसी सामान्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं। लेकिन यदि समय पर इनका उपचार न किया जाए तो यह गंभीर हो सकती हैं। इस प्रकार की समस्‍याओं से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह पर स्‍वर्ण भस्‍म का उपयोग किया जा सकता है। यह मांसपेशीय प्रणाली में सुधार करती है और गर्भावस्‍था के साथ स्तनपान के लिए एक अच्‍छे टॉनिक के रूप में कार्य करती है।

स्‍वर्ण भस्‍म खाने का तरीका –
इस औषधीय धातु का सेवन उम्र और समस्‍या के आधार पर किया जाता है। चूंकि यह औषधी होने के साथ ही एक धातु है जिसकी संतुलित मात्रा ही हमारे शरीर के लिए उपयुक्‍त होती है। इसलिए बिना डॉक्‍टर की सलाह के या उचित संयोजन के उपभोग करने पर स्‍वास्‍थ्‍य में इसका नकारात्‍मक प्रभाव पड़ सकता है।सामान्‍य रूप से प्रतिदिन 15 से 30 मिलीग्राम स्‍वर्ण भस्‍म का सेवन किया जा सकता है। इसकी अधिकतम अनुशंसित खुराक 62.5 मिली ग्राम है।

पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्‍चों को प्रतिदिन 5 मिलीग्राम स्‍वर्ण भस्‍म का सेवन कराया जा सकता है। इससे अधिक मात्रा उनके लिए उपयुक्‍त नहीं है। 5 से 10 वर्ष की आयु वाले बच्‍चों के लिए प्रतिदिन की खुराक 10 मिलीग्राम होती है।

10 वर्ष से 16 वर्ष की आयु वाले बच्‍चों के लिए 15 मिलीग्राम मात्रा प्रतिदिन निर्धारित की गई है।आमतौर पर मधुमेह के कारण होने वाली समस्‍याओं और यौन कमजोरी, शुक्राणुओं की संख्‍या बढ़ाने, बांझपन का उपचार करने आदि मामलों में स्‍वर्ण भस्‍म का नियमित रूप से दो माह तक सेवन किया जाना चाहिए।

गंभीर समस्‍याओं के निराकरण के लिए यह अवधी लंबी हो सकती है जो कि अधिकतम 9 माह तक हो सकती है। स्‍वर्ण भस्‍म को दिन में दो बार (सुबह और शाम के भोजन के बाद) सेवन किया जा सकता है।स्‍वर्ण भस्‍म का सेवन करने के लिए आप इससे निर्मित दवाओं के साथ ही स्‍वर्ण भस्‍म को दूध, घी या शहद के साथ सेवन कर सकते हैं। लेकिन स्‍वर्ण भस्‍म को बेल फल (Golden apple) के साथ सेवन करने से बचना चाहिए।

Back to top button