आज भी जारी है डॉक्टरों की हड़ताल, देशभर के 10 हजार से ज्यादा डॉक्टर होंगे शामिल
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटना के विरोध में सोमवार को फिर देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल रहेगी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रविवार को केंद्रीय चिकित्सक सुरक्षा कानून लाने की मांग करते हुए सोमवार सुबह 6 बजे से मंगलवार सुबह 6 बजे तक हड़ताल का एलान किया है। आईएमए के बैनर तले देश भर में करीब 3 लाख से ज्यादा डॉक्टर हड़ताल में शामिल होंगे। इनके सहित सरकारी अस्पतालों के रेजीडेंट व आयुष के डॉक्टर भी हड़ताल पर रहेंगे। ऐसे में करीब दस लाख डॉक्टर ओपीडी में नहीं दिखेंगे। इससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि आपातकालीन वार्ड, प्रसूति और पोस्टमार्टम इत्यादि बाधित नहीं रहेंगे।
पश्चिम बंगाल के एनआरएस कॉलेज में दो जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद पूरे देश के डॉक्टरों में रोष है। बीते शुक्रवार और शनिवार को देशभर में हड़ताल के बाद अब सोमवार को भी काम नहीं करने का निर्णय लिया है।
सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट भी समर्थन में उतरे
सरकारी अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने भी आईएमए के समर्थन में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी, बिहार, एमपी, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित सभी राज्यों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल का निर्णय लिया है। हालांकि देर शाम तक दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की बैठक जारी थी, जबकि केंद्र सरकार के सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल व दिल्ली सरकार के अस्प्तालों ने हड़ताल की घोषणा कर दी है।
आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं रहेंगी
आईएमए के सचिव डॉ. आरवी अशोकन ने कहा कि डॉक्टरों के खिलाफ होने वाली हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय कानून बनाए जाने और उसके कार्यान्वयन की मांग को लेकर आईएमए 24 घंटे के लिए राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेगा। ओपीडी सहित सभी गैर-जरूरी सेवाएं सुबह 6 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक स्थगित रहेगी। सभी आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से काम करती रहेंगी। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. गिरीश त्यागी के अनुसार पश्चिम बंगाल में स्थिति अभी भी गंभीर है और हिंसा की आशंका सभी मेडिकल कालेजों और प्रमुख अस्पतालों में है। सफदरजंग अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर प्रकाश ठाकुर ने बताया कि हड़ताल के दौरान ओपीडी सेवाओं के अलावा वार्ड की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं और रेजिडेंट डॉक्टरों की गैर मौजूदगी में पहले से तय सर्जरी रद्द हो सकती हैं।