आईसीसी ने बीसीसीआई को दिया दोहरा झटका
बीसीसीआई को आईसीसी की बैठक के पहले दिन दोहरा झटका लगा। उसका रूतबा कम हुआ और आईसीसी ने बहुमत से संचालन तथा राजस्व फॉर्मेट के बदलाव को मंजूरी प्रदान कर दी।आईसीसी की दो दिनी बैठक के पहले दिन संचालन के फॉर्मेट में बदलाव और राजस्व वितरण के फॉर्मूले में बदलाव पर वोटिंग हुई, जिसमें दोनों बदलावों को पूर्ण बहुमत मिला। संचालन और संविधान में बदलाव के मामले में बदलाव 9-1 से पास हुआ। राजस्व वितरण मॉडल के मामले में बदलाव का प्रस्ताव 8-2 से पास हुआ। इसमें बीसीसीआई को सिर्फ श्रीलंका से समर्थन मिला। इसे बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख शशांक मनोहर की जीत के रूप में देखा जा रहा है, जो वर्तमान में आईसीसी के प्रथम स्वतंत्र चेयरमैन हैं।
बीसीसीआई यह मानकर चल रहा था कि उसे बांग्लादेश और जिम्बाब्वे का समर्थन मिलेगा, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। बीसीसीआई को इन दोनों देशों के रवैये से झटका लगा। इस तरह वोटिंग में हार से बीसीसीआई के प्रशासकों की समिति (सीओए) को झटका लगेगा, जो कई सदस्य देशों से चर्चारत थे। इससे यह बात साफ हो गई कि सीओए नजमुल हसन, डेविड पीवर और हारून लोर्गाट के विचारों को भांप नहीं पाए, ये सभी चर्चा के लिए भारत आए थे।
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चूंकि भारत ने 100 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त राशि के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, इसलिए उसे वापस 290 मिलियन डॉलर का प्रारंभिक विकल्प दिया गया। यह उसके लिए 290 मिलियन डॉलर का नुकसान होगा, क्योंकि पिछले वर्ष तक उसे 570 मिलियन डॉलर मिला करते थे।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, अभी बीसीसीआई ने चैंपियंस ट्रॉफी से हटने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है वैसे सभी विकल्प खुले हैं। आईसीसी ने मेंबर्स पार्टिसिेपेशन एग्रीमेंट का उल्लंघन किया है। कार्यवाहक सचिव के बैठक से वापस लौटने के बाद आपात साधारण सभा बुलाई जाएगी जिसमें वे आईसीसी की बैठक में हुए फैसलों से अवगत कराएंगे। इसके बाद उपयुक्त फैसला लिया जाएगा।