आईएमए का वार्षिकोत्सव सम्पन्न

चिकित्सक ही समाज का आईना होता है- अपर स्वास्थ्य निदेशक

सुलतानपुर, 03 जनवरी (UjjawalPrabhat.Com)। आईएमए वार्षिकोत्सव समारोह अमहट स्थितनगर के एक गेस्ट हाउस में अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर राजेंद्र कपूर के नेतृत्व में संपन्न हुआ। समारोह को संबोधित करते हुए अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. कपूर ने कहा कि चिकित्सकों के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। चिकित्सक समाज का आईना होता है, रोते हुए मरीज आता है और हंसते हुए जाता है। परंतु जब मरीज जब आराम ना मिलने पर चिकित्सक का विरोध करने लगता है तब स्थिति विषम हो जाती है। ऐसे में हम लोगों को धैर्य से कार्य करने की जरूरत होती है। खास करके जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों को संभल के काम करने की आवश्यकता है इस बदलते हुए वातावरण में समाज की नब्ज़ को पहचानते हुए कार्य करने की आवश्यकता है। जो भी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध है उसी में इलाज करें, जो सेवाएं यहां नहीं है अगर अत्याधुनिक सुविधाओं की आवश्यकता है तो ऐसे मरीजों को अत्याधुनिक सेन्टर पर तुरंत भेजने का कार्य करें। हो सकता है थोड़ी सी लापरवाही में मरीज की जान चली जाए, ऐसे में हम चिकित्सकों को मरीज की स्थिति को भांप कर निर्णय लेने की जरूरत है। समारोह के पहले चरण में सीएमई का आयोजन आईएमए के अध्यक्ष डॉ. अखंड प्रताप सिंह की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें लखनऊ के नामी-गिरामी चिकित्सकों ने भाग लेकर नई-नई तकनीक के बारे में उपस्थित जनसमूह को जानकारी दी। जिसमें प्रमुख रूप से डॉ. राजीव रंजन हीपैटोलॉजिस्ट एवं डॉ. राहुल यादव यूरोलॉजिस्ट, डॉ. अजय बहादुर कार्डियोलॉजिस्ट के द्वारा आईएमए के चिकित्सकों को नई चिकित्सा विज्ञान की पद्धति के बारे में चर्चा की। राहुल यादव यूरोलॉजिस्ट ने अपने उदबोधन में कहा कि आज के समय में किड़नी में स्टोन की समस्या बढ़ती जा रही है इसके उपचार के लिए अत्याधुनिक तरीके भी आ गए हैं जिसमें कम समय में अच्छा से अच्छा इलाज नई पद्धति द्वारा किया जा रहा है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अजय बहादुर ने कहा कि आज के बदलते युग में समाज के सभी वर्ग के लोगों में हृदय रोग अपना घर बना लिया है ऐसे में हम लोगों की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है। समाज के लोग अगर जागरूक होंगे तो इस महामारी से हम उन्हें बचा सकते हैं। रहन-सहन, खान-पान में बदलाव लाकर हार्ट अटैक से बचा जा सकता है। आम जनजीवन में आज के समय में स्वस्थ रहने के लिए तली भुनी चीजों का उपयोग कम करें। सुबह टहले ध्यान योग और प्राणायाम करें। जिससे मानसिक तनाव कम हो मानसिक तनाव कम होने पर बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है। डॉ राजीव रंजन ने हीपै टाइटिस बी और सी के इलाज के बारे में चर्चा की। इसी क्रम में आईएमए के सचिव डॉ. अमित कौशल ने आए हुए सभी अतिथियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि आईएमए सुल्तानपुर समय-समय पर सीएमई का आयोजन कर चिकित्सा विज्ञान की नई नई खोज एवं पद्धति की जानकारी एक दूसरे को दिलाता रहता है। हमारे यहां के चिकित्सक बहुत ही योग्य हैं और छोटे से जनपद में उच्च स्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था यहां के लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं। आईएमए अध्यक्ष डॉ. अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की शाखा का जनपद में अलग स्थान है। यहां के चिकित्सक समाज में एक अपनी छवि बनाए हुए हैं। समाज सेवा के क्षेत्र में यहां के चिकित्सकों का बढ़-चढ़कर भाग लेना जनपद में चर्चा का विषय बना रहता है। हमारे आईएमए के सभी चिकित्सक एक दूसरे के सहयोग के लिए हमेशा खड़े रहते हैं। यही नहीं समाज के हर क्षेत्र में जहां जिसको आवश्यकता है वहां पर आईएमए का कोई ना कोई चिकित्सक जरूर खड़ा हुआ मिलेगा। सेमिनार में प्रमुख रूप से पूर्व आईएमए अध्यक्ष डॉ. वीके शुक्ला पीएमएस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्रा एवं जनपद के सुप्रसिद्ध सर्जन डॉ. एके सिंह, डॉ. जेपी सिंह, डॉ. एएन सिंह, डॉ. राजीव श्रीवास्तव, डॉ. केसी तिवारी, डॉ. एमजे शर्मा, डॉ. दीपक मेहरोत्रा समेत आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट- अताउर रहमान 

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