अभी-अभी: चुनाव के लिए BJP ने अपनी रणनीति में किया ये बड़ा बदलाव, मौजूदा विधायकों पर जताया भरोसा

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। वर्तमान विधायकों के टिकट काटने के बजाय पार्टी ने उनमें भरोसा जताया है, वहीं जातीय समीकरणों का भी खासा ध्यान रखा गया है।अभी-अभी: चुनाव के लिए BJP ने अपनी रणनीति में किया ये बड़ा बदलाव, मौजूदा विधायकों पर जताया भरोसा

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पार्टी ने पटेलों की नाराजगी को थामने के लिए पहली लिस्ट में 14 पटेलों को टिकट दिया है तो उत्तर गुजरात की रणनीति के मद्देनजर ठाकोर और चौधरी बिरादरी को साधने की कवायद की गई है। इस बिरादरी के प्रमुख नेताओं को पार्टी ने पहली ही लिस्ट में टिकट थमाया है। 

राज्यसभा चुनाव में भाजपा का दामन थामने वाले 8 विधायकों में से पार्टी ने केवल 5 विधायकों को मैदान में उतारा है तो पूर्व कांग्रेस नेता विट्ठल रादड़िया के पुत्र जयेश रादड़िया को पार्टी ने दोबारा से मैदान में उतारा है। भाजपा की 70 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में केवल 4 महिलाओं को ही टिकट नसीब हुआ है। 

इन 70 उम्मीदवारों में से 25 नाम दूसरे चरण के मतदान वाले इलाकों के हैं। पार्टी ने उम्मीदवारों की लिस्ट के मामले में कांग्रेस पर बेशक बाजी मार ली है, मगर पहले चरण के लिए उसने 45 उम्मीदवारों के नाम का ही एलान किया है। पहले चरण के तहत विधानसभा की 89 सीटों के चुनाव 9 दिसंबर को होने हैं। इन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामांकन की अंतिम तिथि 21 नवंबर है।

बदली रणनीति, विधायकों पर जताया भरोसा 
सत्ता विरोधी रुझानों से बचने के लिए पार्टी पहले भारी संख्या में विधायकों के टिकट काट देती थी, मगर इस दफे पार्टी के जरिए घोषित 70 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में केवल 1 विधायक का टिकट कटा है। पार्टी ने सुरेंद्र नगर जिले से विधायक वर्षा बेन दोशी का टिकट काटा है।

इसके अलावा पार्टी ने सूबे के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को उम्मीदवार बनाने का भी दांव चला है। भिलोड़ा सीट से पीसी बरांड़ा को उम्मीदवार बनाया गया है। इन्होंने एक-दो दिन पहले ही एसपी के पद से इस्तीफा दिया है। 

प्रचार के लिए बड़े नेताओं के नाम को हरी झंडी
भाजपा ने पहली लिस्ट में अमूमन अपने बड़े नेताओं के नाम का ऐलान किया है, ताकि इन नेताओं को भरपूर समय मिल सके और ये अपनी सीट के अलावा अन्य सीटों पर जा सकें। उम्मीदवारी पर संशय की वजह से नेता प्रचार में ज्यादा वक्त नहीं दे पा रहे थे। 

राज्य भाजपा के एक नेता का कहना है कि बड़े नेताओं को उनकी जातीय जरूरतों के लिहाज से प्रचार के लिए अन्य सीटों पर भेजा जाएगा। पार्टी की नजर जातीय रचना में पटेलों के अलावा चौधरी और ठाकोर बिरादरी को साधने की है। 

इस कवायद में पार्टी शंकर भाई चौधरी, केशाजी चौहान, दिलीप वीर जी ठाकोर, भूपेंद्र सिंह चूडासमा, राघव जी पटेल और अर्जुन सिंह चौहान को अन्य क्षेत्रों में जोर-शोर से घुमाएगी, इसलिए इन्हें पहली ही लिस्ट में उम्मीदवार बनाया गया है।

कांग्रेस के राऊल के जरिए गोधरा फतह की तैयारी
जिस गोधरा कांड की वजह से गुजरात में 2002 के दंगे हुए और नरेंद्र मोदी की छवि हिंदू हृ्दय सम्राट के रूप में बनी, उस गोधरा की विधानसभा सीट पर भाजपा को लगातार हार झेलनी पड़ती थी। भगवा पर कांग्रेस के सीके राऊलजी की छवि हमेशा भारी पड़ी है।

इस दफे भाजपा ने राऊलजी को अपनी पार्टी में लाकर उन्हें गोधरा से उम्मीदवार बनाया है। भाजपा को उम्मीद है कि राऊलजी के जरिए पार्टी गोधरा सीट पर फतह हासिल करेगी। 

मध्य गुजरात में राम के भरोसे भाजपा 
मध्य गुजरात में पार्टी की चुनावी नैय्या पार लगाने के लिए भाजपा ने राम पर भरोसा किया है। यह भगवान राम नहीं हैं बल्कि विश्वविख्यात अमूल डेयरी के चेयरमैन राम सिंह परमार हैं। परमार पहले कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक बने, मगर इस दफे वे भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।

भाजपा ने उन्हें ठासरा विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है। राम सिंह परमार को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अमूल डेयरी सहकारी संस्था है। मध्य गुजरात में इसका खासा प्रभाव है। परमार के भाजपा में आने के बाद इस सहकारी संस्था का नेटवर्क चुनाव में पूरी तरह पार्टी के पक्ष में कार्य करेगा। पार्टी ने परमार को उम्मीदवार भी बनाया है। इससे मध्य गुजरात में भाजपा को खासा लाभ होगा। 

4 महिलाओं को मिला टिकट 
महिला हितैषी होने का दावा बेशक भाजपा बढ़-चढ़कर करती है, मगर महिलाओं को उम्मीदवार बनाने के मामले में पार्टी ने दरियादिली नहीं दिखाई है। 70 में से केवल 4 महिलाओं को ही उम्मीदवार बनाया गया है।

​टिकट लेने में जो महिलाएं सफल रही उनमें से सूरत की लिंबायत सीट से वर्तमान विधायक संगीता बेन पाटिल, वडोदरा सिटी सुरक्षित सीट से मनिषाबेन वकील, भावनगर पूर्व से विभावरीबेन देव और खेडब्रह सीट से रमीला बेन बेचर का नाम शामिल हैं।

 
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