रांची क्रिकेट के भीष्म पितामह कहे जाने वाले देवल सहाय का निधन, 73 साल की उम्र में ​दुनिया को कहा अलविदा

नई दिल्ली। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रहे देवल सहाय का मं​गलवार को निधन हो गया। 73 साल के देवल दा ने रांची के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली, वह पिछले तीन महीने से बीमार चल रहे थे। रांची क्रिकेट के भीष्म पितामह कहे जाने वाले देवल सहाय टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के मेंटर थे।

क्रिकेट और फुटबॉल के शानदार खिलाड़ी रहे देवल दा सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के कार्मिक निदेशक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद 2006 में खेल प्रशासन से खुद को अलग कर लिया था। उनके निधन पर जेएससीए समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े खेलप्रेमियों में शोक की लहर है।

देवल सहाय ने क्रिकेट का इतना शानदार माहौल तैयार किया था कि उनकी देखरेख में दर्जनों क्रिकेटरों ने देश व राज्य का प्रतिनिधित्व किया। जिनमे महेंद्र सिंह धोनी, प्रदीप खन्ना, आदिल हुसैन, अनवर मुस्तफा, धनंजय सिंह, सुब्रत दा जैसे क्रिकेटर शामिल हैं।

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यही वह शख्स थे, जिन्होंने धोनी को रेलवे से सीसीएल में लाकर खेलवाया था। देवल सहाय के निधन पर पूर्व रणजी खिलाड़ी आदिल हुसैन ने कहा कि एकीकृत बिहार के सबसे कुशल और सफल खेल प्रशासक के निधन से हम दुखी हैं। वह एक खेल प्रशासक ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के अभिभावक भी थे।

एमएस धोनी की बायोपिक ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ में भी देवल सहाय का जिक्र किया गया है। महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट जगत में इतनी ऊंचाई तक पहुंचाने में देवल दा का अहम योगदान रहा, देवल सहाय मेकॉन, सीएमपीडीआई व सीसीएल में वरीय पदों पर रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने क्रिकेटरों की सीधी नियुक्ति की।

देवल सहाय को रांची में पहली टर्फ पिच तैयार करने का श्रेय जाता है। उन्होंने युवा धोनी को वजीफे पर रखा और उन्हें टर्फ पिचों पर खेलने का पहला अवसर प्रदान किया।

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