रक्षा प्रदर्शनी-2018 में पहुंचे CM योगी ने दी 2.5 लाख नौकरियों की सौगात

कानपुर के सीएसए विश्वविद्यालय परिसर में लगी रक्षा प्रदर्शनी-2018 में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि डिफेंस कॉरीडोर के निर्माण से कारखानों में उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इस कॉरीडोर से लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे दो लाख पचास हजार नौकरियां मिलेंगी।रक्षा प्रदर्शनी-2018 में पहुंचे CM योगी ने दी 2.5 लाख नौकरियों की सौगातसीएम योगी ने यहां रक्षा उत्पादों की तारीफ की और इसे देश के लिए फायदेमंद बताया।

कानपुर के चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) परिसर में लगी यूपी डिफेंस एक्सपो-2018 में हैरान कर देने वाले उत्पाद प्रदर्शनी में लगाए गए हैं।

घर का तापमान नियंत्रित रखेंगे दरवाजे-खिड़कियां
घर को ग्रीन हाउस में बदलने की इच्छा रखने वालों को गाजियाबाद की कंपनी कालको एलु सिस्टम्स ऊर्जा की बचत (एनर्जी सेविंग) करने वाली खिड़कियां और दरवाजे उपलब्ध करा रही है। डिफेंस एक्सपो में लगे स्टॉल में कंपनी की ओर से ऐसे कांच वाले खिड़की-दरवाजे प्रदर्शित किए गए हैं, जिन्हें लगवाने से कमरे का तापमान स्थिर रहता है। यानी गर्मियों में बाहर की तपिश अंदर नहीं आ पाती। इससे कमरे का तापमान स्थिर रहता है और एसी को लंबे समय तक चलाने की जरूरत नहीं पड़ती। ठंड के मौसम में यह खिड़कियां-दरवाजे कमरे में गर्माहट रखते हैं। यह शोर को भी नियंत्रित करती हैं।

त्वचा की समस्याओं का भी समाधान
सुरक्षा बलों के रहन-सहन की स्थिति को भांपते हुए डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेस (डिपास), दिल्ली ने त्वचा की रक्षा में कारगर क्रीम का विकास किया है। डिपास की वैज्ञानिक डॉ. प्रियंका शर्मा ने बताया कि अत्यधिक ठंडे इलाकों में तैनात सशस्त्र सैन्य बलों के जवानों को शीतदंश (फ्रास्टबाइट) की समस्या का सामना करना पड़ता है। ठंड के कारण होंठ, गाल और उंगलियों में दरारें पड़ जाती हैं। इसके लिए डिपास की ओर से एलोकेल नाम क्रीम बनाई गई। डिपास ने घाव को भरने, त्वचा के अन्य रोगों में लाभप्रद हर्बोहीलर नामक क्रीम भी बनाई है। यह चोट के घावों, खरोंच, चीरा, पुराने जख्म, शुगर के कारण हुए घाव को भरने में कारगर है। यह दोनों क्रीम आम लोगों के लिए भी उपलब्ध हैं।

लेजर लाइट से छुपे दुश्मनों की पहचान
लेजर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (लेस्टेक), दिल्ली की ओर से विकसित शार्ट रेंज ऑप्टिकल टारगेट लोकेटर 600 मीटर दूरी तक छुपे दुश्मनों का खामोशी से पता लगा लेता है। किसी वीआईपी मूवमेंट से पहले सुरक्षा बल इसकी मदद से उस क्षेत्र में छुपे स्नाइपर, दूरबीन से नजर रखने वालों आदि की न केवल पहचान कर सकते हैं, बल्कि उनकी लोकेशन की भी जानकारी कर लेते हैं। डीआरडीओ दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ. मनीष भारद्वाज, राजेश जैश, डॉ. गोवर्धन लाल व राजेश तिवारी ने बताया कि एसपीजी और दिल्ली पुलिस इसका इस्तेमाल कर रही है। सेना को डेढ़ किलोमीटर तक क्षमता वाले लोकेटर दिए गए हैं। लोकेटर के जरिए अदृश्य लेजर किरणें निकलती हैं। इनकी राह में जो भी आब्जेक्ट (वस्तु, व्यक्ति) आता है, उसकी जानकारी दे देती है।

निशंक की क्षमता बढ़ी
एक्सपो में फील्ड गन फैक्ट्री की ओर से विकसित की गई रिवाल्वर निशंक को देखने वालों की खासी भीड़ उमड़ी। युवाओं के बीच रिवाल्वर लेकर चलाने, सेल्फी लेने का क्रेज दिखा। अधिकारियों ने बताया कि निशंक में फायर करने पर अपेक्षाकृत कम ताकत लगती है। इनकी बैरल की लंबाई भी बढ़ाई गई है। इससे इसकी मारक क्षमता 15 मीटर तक हो गई है। जल्द ही इसकी कीमत तय की जाएगी। इसके बाद यह लोगों के लिए उपलब्ध होगी।

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