पूर्वा एक्सप्रेस के पहिये टूटी चकरेल पर उतरे थे, इसके टूटे टुकड़े पटरी के पास ही 100 मीटर दूर पड़े मिले

 हावड़ा से दिल्ली जा रही पूर्वा एक्सप्रेस के पहिये टूटी चकरेल पर उतरे थे, इसके टूटे टुकड़े पटरी के पास ही 100 मीटर दूर पड़े मिले हैं। रेलवे अधिकारियों को आशंका है कि किसी दूसरी ट्रेन से लटकी हुई किसी वस्तु से टकराने की वजह से चकरेल टूटी। इसके बाद पूर्वा एक्सप्रेस एक बोगी के दो उतरे पहियों के साथ दौड़ती रही और प्वाइंट से पटरियों की क्रासिंग पार न कर सके और पहिये उतर गए। इसके बाद पीछे के डिब्बे अनियंत्रित होकर पटरी से उतर कर छिटक कर खेतों में पलट गए।

 

समझें एसईजे की तकनीक

सर्दी और गर्मी के बदलते मौसम में पटरियां अपने आपको खुद सिकोड़ या फैला सके, इसके लिए पटरियों पर स्विच एक्सपेंशन ज्वाइंट (एसईजे) लगे होते हैं। इस एसईजे में ही चकरेल भी लगी होती है। रूमा स्टेशन के पूर्वी केबिन की तरफ लगी एसईजे में चकरेल टूट गई थी। क्षतिग्र्रस्त एसईजे को पार करते समय वातानुकूलित कोच के दो पहिये पटरी से उतर गए। स्लीपर पर घिसटते हुए दोनों पहिये पटरी से सटकर रूमा स्टेशन को पार कर गए। स्टेशन शुरू होने से पहले और पार करने के बाद पटरियों की क्रासिंग होती है। इसके बाद प्वाइंटर होता है। ट्रेन के पहिये उतर चुके थे, इसलिए जैसे ही क्रासिंग आई पहिये उसे पार नहीं कर सके और कोच पटरी से नीचे उतर गए।

स्लीपर पर घिसट रहा था पहिया

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक क्रासिंग पर दो रेलवे ट्रैक एकदूसरे को पार करते हैं। जितनी बोगी के पहिए ठीक थे, उतनी ट्रेन पार कर गई थी लेकिन स्लीपर पर घिसटता हुआ पहिया क्रासिंग को पार न कर सका और तेज रफ्तार से टकराया। इससे इस बोगी के साथ पीछे की सभी बोगियां पटरी से उतर गईं। सुबह अधिकारियों ने रेलवे ट्रैक की जांच की तो पाया कि चकरेल के टुकड़े एसईजे से 100 मीटर दूर पड़े हैं।

गार्ड की जुबानी की कहानी

पूर्वा एक्सप्रेस के हादसे के बाद शुरू ही प्राथमिक जांच ने रेलवे अधिकारियों ने गार्ड से पूछताछ की। गार्ड ने बताया कि ट्रेन की बोगी का एक पहिया पटरी से उतर कर उससे सटा हुआ चल रहा था। इससे लगातार तेज चिंगारी निकल रही थी। रूमा के स्टेशन मास्टर ने इसे देखा और तुरंत सूचना देकर ट्रेन को रोकने के लिए कहा। जबतक गार्ड द्वारा ट्रेन रोकने का प्रयास किया जाता पटरियों को बदलने वाला प्वाइंट आ गया। प्वाइंट आते ही पहिया अपनी जगह से पूरी तरह उतर गया और पीछे की कई बोगिया पटरी से उतर गईं। ऐसा माना जा रहा है कि इसके बाद बोगियों की कपलिंग टूट गई और हादसा हो गया।

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