पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के नाम पर सियासी संग्राम

 राजनिवास में धरने की सियासत के बाद अब दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के नाम पर सियासी संग्राम शुरू होने वाला है। आम आदमी पार्टी (आप) इसे लेकर आज से आंदोलन शुरू करने का एलान किया है। वहीं, भाजपा इसे ‘आप’ का सियासी नाटक बता रही है। इसके खिलाफ पार्टी ने भी प्रदर्शन करने का एलान किया है। इससे आने वाले दिनों में सत्ता पक्ष व विपक्ष एक दूसरे के खिलाफ सड़कों पर नजर आएंगे।पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के नाम पर सियासी संग्राम

पूर्ण राज्य का दर्जा देना जरूरी

दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का मुद्दा पुराना है। प्रत्येक चुनाव में राजनीतिक पार्टियां इसे चुनावी मुद्दा बनाती रही हैं। केंद्र व राजनिवास पर काम नहीं करने देने का आरोप लगाने वाली दिल्ली सरकार लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को धार देकर सियासी लाभ उठाने की जुगत में है। वह कह रही है कि दिल्ली के विकास के लिए इसे पूर्ण राज्य का दर्जा देना जरूरी है।

केजरीवाल का सियासी ड्रामा

आज इसे लेकर पार्टी महासम्मेलन करने जा रही है। वहीं, भाजपा व अन्य नेता इसे मुख्यमंत्री केजरीवाल का सियासी ड्रामा बता रहे हैं। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के समय केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के साथ जो वादे किए थे उसे वह पूरा नहीं कर सके। लोगों की समस्याएं हल करने के बजाय वह अराजक व टकराव की राजनीति करके दिल्ली को नुकसान पहुंचाने में जुटे रहे। प्रशासनिक अधिकारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है जिससे वह अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पूरी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। अब अपनी विफलता छिपाने के लिए वह आंदोलन का नाटक कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री को जवाब देना होगा 

भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। उन्हें दिल्लीवासियों को जवाब देना होगा। दिल्ली के लोग बिजली व पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। पहले तो मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के साथ राजनिवास में धरने पर बैठे रहे। उसके बाद दिल्लीवासियों को उनके हाल पर छोड़कर दस दिनों के लिए बेंगलुरु चले गए। अब वह समस्याएं हल करने के बजाय लोगों को गुमराह करने में जुट गए हैं। भाजपा कार्यकर्ता राजघाट पर दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर बिजली व पानी की समस्या हल करने की मांग करेंगे।

‘आप’ का महासम्मेलन

दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी जो महासम्मेलन करने जा रही है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसे आप के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। इस महासम्मेलन को सफल बनाने के लिए पार्टी की तरफ से सभी विधायकों व पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्हें कहा गया है कि रविवार शाम तीन बजे इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित होने वाले प्रदेश महासम्मेलन में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लेकर आएं। मुख्यमंत्री बेंगलुरु से इलाज कराकर लौट आए हैं। सम्मेलन की तैयारियों को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई। जिसमें तय हुआ कि महासम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करीब शाम चार बजे लोगों को संबोधित करेंगे। हालांकि माहौल को देखते हुए यह क्रम आगे पीछे भी हो सकता है।

केजरीवाल को समस्याओं से कोई लेना देना नहीं

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली को पहले बिजली व पानी की जरूरत है। पानी के लिए दिल्ली में लोग एक दूसरे का खून बहा रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को इसकी चिंता नहीं है। नालों की सफाई नहीं होने से हल्की बारिश में ही कई स्थानों पर सड़क पर पानी भर गया। आने वाले दिनों में जलभराव की समस्या और बढ़ेगी। केजरीवाल को इन समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है।

सरकार सियासी ड्रामे में व्यस्त है

आप के नाराज विधायक व पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्र ने कहा कि दिल्ली में पानी की समस्या हल करने के लिए पूर्ण राज्य की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने जब से जल विभाग अपने पास लिया है दिल्ली में पानी का संकट और बढ़ गया है। टैंकर माफिया का राज है। गरीब महंगे दाम पर पानी खरीदने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार सियासी ड्रामे में व्यस्त है। 

लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश 

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली का विकास व दिल्लीवासियों की समस्याएं हल करने में विफल रहे हैं। अब इससे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए पूर्ण राज्य का मुद्दा उठा रहे हैं। इन्हीं स्थितियों में कांग्रेस ने 15 वर्षो तक दिल्ली का विकास किया है। जल संकट दूर करने, स्कूलों में पढ़ाई का स्तर ऊंचा उठाने, अस्पतालों की स्थिति सुधारने, नई बसें खरीदने में पूर्ण राज्य की जरूरत नहीं है। 

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