नागरिकता कानून के खिलाफ ये काम करने वाला पहला राज्‍य बना केरल, दे दी चुनौती

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। केरल पहला राज्य है, जिसने इस नागरिकता कानून को चुनौती दी है। केरल सरकार ने याचिका में कानून को भेदभाव वाला और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।

नागरिकता कानून

केरल सरकार ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सूट दाखिल किया है। संविधान का अनुच्छेद 131 भारत सरकार और किसी भी राज्य के बीच किसी भी विवाद में सर्वोच्च न्यायालय को मूल अधिकार क्षेत्र देता है।

अगर दोनों के बीच कोई कानून का सवाल या फिर कानून पर सीमा या अधिकार का मसला हो। केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नागरिकता संसोधन कानून को रद्द करने की मांग की।

नागरिकता कानून

केरल सरकार ने कहा कि ये कानून अनुच्छेद 14,21 और 25 का उलंघन करता है। CAA के खिलाफ पहली बार किसी राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।

क्या कहता है कानून

31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत आने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के छह धर्मों के अल्पसंख्यकों को घुसपैठिया नहीं माना जाएगा। नागरिकता अधिनियम, 1955 अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबंधित करता है।

Also Read : 56 रन बनाते ही रोहित शर्मा वनडे में हासिल कर लेगे ये बड़ा मुकाम, जिसके आस-पास…

जिसने वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज़ों के बिना भारत में प्रवेश किया हो। जो अपने निर्धारित समय-सीमा से अधिक समय तक भारत में रहता है। इस लाभ को देने के लिए विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट अधिनियम, 1920 के तहत भी छूट देनी होगी । वर्ष 1920 का अधिनियम विदेशियों को अपने साथ पासपोर्ट रखने के लिये बाध्य करता है। 1946 का अधिनियम भारत में विदेशियों के आने-जाने को नियंत्रित करता है।

Back to top button