जीबी रोड की लड़कियों ने बताई अपनी बर्बरता की कहानी – ’30-30 लोगों के साथ सोना पड़ता है’

नई दिल्ली, 23 जुलाई :दिल्ली महिला आयोग और एनजीओ रेस्क्यू फाउंडेशन ने पुलिस के साथ मिलकर जीबी रोड के एक कोठे में फंसी दो नाबालिग लड़कियों को छुड़ाया। दोनों लड़कियों की उम्र 16 साल बताई जा रही है। साथ ही दोनों लड़कियां नेपाल की रहने वाली है। पीड़िता ने बताया कि नेपाल में प्राकृतिक आपदा की वजह से भुखमरी फ़ैल गई थी जिसके बाद एक नेपाली युवक ने दो साल पहले उनको काम दिलवाने की बात कहकर यहां पर बेच दिया था, जबकि दूसरी लड़की 4 महीने पहले बेची गई थी।

जीबी रोड की लड़कियों ने बताई अपनी बर्बरता की कहानी – ’30-30 लोगों के साथ सोना पड़ता है’
इनमे से एक लड़की किसी तरह शुक्रवार को वहां से भाग निकली और इस बारे में एक व्यक्ति को पूरी जानकारी दी। जिसके बाद उस शख्स ने एनजीओ और दिल्ली महिला आयोग को इस बारे में सूचना दी। इसके बाद आयोग और एनजीओ की टीम पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी कर दूसरी लड़की को आजाद करवाया। इन दोनों लड़कियों को कोठा नंबर 56 से छुड़ाया गया है। पीड़िताओं ने आरोप लगाया कि वहां उनके साथ मारपीट किया जाता था साथ ही कई दिनों तक उन्हें भूखा रखा जाता था।

लकड़ियों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि यहां लाने से पहले उन्हें मजनूं की टीला स्थित एक मकान में रखा जाता था और वहां उनके साथ दुष्कर्म किया गया और फिर इसके बाद यहां लाया गया। लड़कियों ने बताया कि यहां उन्हें 30-30 लोगों के साथ सोने के लिए मजबूर किया जाता है। इंकार करने पर उनके साथ मारपीट की जाती है और उनको कमरे में बंद कर दिया जाता है। वहीं, मामले को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा जीबी रोड से 100 मीटर की दूरी पर पुलिस स्टेशन है और फिर भी यहां नाबालिग लड़कियों को बेचा जा रहा है।

स्वाति ने बताया कि ये 56 नंबर का कोठा उसी आफाक है जो लड़कियों को बेचकर और देह व्यापार का धंधा करवा कर 100 करोड़ की संपति बना ली है। उसके हौसले इतने बुलंद है कि वह आज भी उसके कोठे पर नाबालिग लड़कियों को बेचा जाता है।

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