इस दिन से शुरू होगा ज्येष्ठ व्रत-त्योहार का महिना
ज्येष्ठ माह जिसे जेठ का महीना भी कहते हैं आरम्भ हो चुका है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह तीसरा महीना है। ज्येष्ठ का महीना 19 मई से शुरू होकर 17 जून तक रहेगा। ज्येष्ठ के महीने में सूर्यदेव अपने रौद्र रूप में रहते हैं जिसके कारण प्रचंड गर्मी रहती है। इसलिए ज्येष्ठ के महीने में पानी पिलाने और दान करने का विशेष महत्व होता है।
ज्येष्ठ महीने में जल का महत्व और त्योहार
जेठ का महीना गर्मी के हिसाब से सबसे ज्यादा कष्टकारी होता है। इस महीने में सबसे ज्यादा पानी की किल्लत रहती है। सूर्य के रौद्र रूप से धरती में मौजूद पानी का वाष्पीकरण सबसे तेज हो जाता है जिसके कारण से नदियां और तालाब सूख जाते हैं। हिन्दू सभ्यता में इस महीने जल के संरक्षण का विशेष जोर दिया जाता है। ज्येष्ठ महीने में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे व्रत रखे जाते हैं। ये व्रत प्रकृति में जल को बचाने का संदेश देते हैं। गंगा दशहरा में नदियों की पूजा और निर्जला एकादशी में बिना जल का व्रत रखा जाता है।
ज्येष्ठ महीने के व्रत-त्योहार
21 मई बड़ा मंगल – हनुमान पूजा – लखनऊ
22 मई संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत
25 मई रोहिणी के सूर्य, नवतपा शुरू
26 मई कालाष्टमी, भानु सप्तमी
27 मई श्री शीतलाष्टमी व्रत, त्रिलोचनाष्टमी
28 मई हनुमान पूजा – लखनऊ
30 मई अपरा एकादशी व्रत
31 मई प्रदोष व्रत, वट सावित्री व्रत
3 जून सोमवती अमावस्या
12 जून गंगा दशहरा
13 जून निर्जला एकादशी
17 जून पूर्णिमा