अगर आप भी हैं हलवे के शौकीन, तो जरुर पढ़े ये खबर…
अनाज, फल या सब्जी को यदि मिठाई में अदृश्य बनाना हो, तो इसका सबसे अच्छा विकल्प हलवा बनाना ही है। यूं तो भारतीयों के लिए मीठा मतलब है ‘हलवा’। हलवा शब्द सुनते ही मन ललचाता है। नारा बुलंद करने को कुछ भी मीठा मतलब हलवा। आखिर मिठाई बनाने वाले पेशेवर ‘हलवाई’ का नामकरण इसी के कारण तो हुआ है। हलवे के नाम पर सबसे ज्यादा प्रचलित है सूजी या दाल का हलवा और जाड़े के मौसम में गाजर का हलवा। वहीं, अनाज, फल या सब्जी को यदि मिठाई में अदृश्य बनाना हो, तो इसका सबसे अच्छा विकल्प हलवा बनाना ही है। हालांकि, बहुत सारे दूसरे हलवे अब लुप्तप्राय हो गए हैं।
हाल ही में एक पंचतारा होटल में भारतीय मिठाइयों की नुमाइश में दो-तीन ऐसे हलवे चखने को मिले, जो आजकल नजर ही नहीं आते। एक तश्तरी में जो बर्फियां सजी थी, वह वास्तव में गोश्त के हलवे को काट कर बनाई गई थी। यह हलवा इतने कौशल से बनाया गया था कि जुबान पर रखते ही दाल के हलवे का धोखा होता था। गनीमत यह थी कि शेफ महाशय ने इस तश्तरी के ठीक सामने एक लाल झंडी फहरा दी थी, शाकाहारियों को सतर्क कर दूर रहने के लिए। इसके बगल में ही चांदनी की धूधिया छटा बिखेरता ‘अंडे का हलवा’ रखा था, पर उसे हाथ लगाने में लोग हिचक रहे थे। अधिकांश भारतीय अंडे के नमकीन व्यंजनों का ही आनंद लेते हैं, जैसे आॅमलेट, भुजिया, एग करी आदि और बड़ी आसानी से इस बात को भुला देते हैं कि केक-पेस्ट्री, पुडिंग आदि में अंडा मीठा झोला धारण कर ही प्रकट होता है।