खुलासा: प्रियंका गांधी को अपना उत्‍तराधिकारी बनाना चाहती थीं इंदिरा गांधी

नई दिल्ली, 20 अक्‍टूबर. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी रहे एम.एल. फोतेदार ने दावा किया है कि इंदिरा राहुल नहीं बल्कि प्रियंका गांa168-300x233धी को अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखती थी। फोतेदार ने यह खुलासा अपनी नई किताब में किया है। इसमें यह भी कहा गया है कि हत्या से कुछ समय पहले से ही इंदिरा गांधी को यह लगने लगा था कि उनका अंत करीब ही है।

और क्या किया गया है दावा?
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक फोतेदार ने अपनी किताब में दावा किया है कि अक्टूबर 1984 में इंदिरा ने कश्मीर का दौरा किया था। वह एक हिंदू और एक मुस्लिम धार्मिक स्थल गई थीं। इंदिरा ने हिंदू मंदिर में कुछ ऐसा देखा कि उन्हें लगने लगा कि उनकी जिंदगी का अंत करीब है। इसके बाद ही बहुत सोच-विचार के बाद इंदिरा ने कहा था कि प्रियंका राजनीति में कामयाब हो सकती है और लंबे समय तक पावर में रह सकती है।

इंदिरा को कैसे पता चला कि उनका अंत करीब है ?
फोतेदार ने बताया कि इंदिरा ने मंदिर में जो देखा था वह एक सूखा पेड़ था। इसका मतलब उन्होंने अपने जीवन का अंत निकाला था। फोतेदार का दावा है कि उन्होंने भी इसका यही मतलब निकाला था। फोतेदार ने कहा- इंदिरा समझ गई थी कि मैंने भी यही नोटिस किया है और मैंने भी इसका यही मतलब निकाला है। उन्होंने रेस्ट हाउस जाते हुए अपने मन की बात कही। राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया को एक लेटर लिख कर फोतेदार ने प्रियंका को लेकर इंदिरा की सोच के बारे में बताया था।

नटवर सिंह के दावे का सपोर्ट!
अपनी किताब ‘चिनार लीव्स’ (चिनार की पत्तियां) में फोतेदार ने पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के उस दावे का सपोर्ट करते नजर आते हैं जिसमें नटवर सिंह ने कहा था कि ‘अंतर आत्मा की आवाज’ नहीं बल्कि ‘फैमिली प्रेशर’ की वजह से सोनिया गांधी ने 2004 में पीएम का पद छोड़ दिया।

वेंकटरमन चाहते थे राजीव नहीं प्रणब बने पीएम
फोतेदार ने अपने किताब में और भी कई खुलासे किए हैं। ऐसे ही एक खुलासे में उन्होंने दावा किया है कि 1990 में जब वी.पी. सिंह सरकार का गिर गई तो तत्कालीन राष्ट्रपति आर.वेंकटरमन ने राजीव गांधी का पीएम के तौर पर विरोध किया वो प्रणब मुखर्जी के पक्ष में थे। पोतेदार के मुताबिक राजीव प्रणब के प्रचंड विरोध से हैरान थे।

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