संसद में माइक बंद कर दिया जाता है यह कहने की राहुल की हिम्मत कैसे हुई- उप राष्ट्रपति 

संसद में विपक्ष का माइक्रोफोन बंद करने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राहुल ने जो भी कहा वह दुर्भावनापूर्ण और सोची-समझी रणनीति के तहत कहा है। इससे देश और संविधान का अपमान हुआ है। यदि इस मुद्दे पर मैं चुप रह जाता हूं तो गलत होगा।

धनखड़ ने की राहुल के बयान की निंदा

धनखड़ कांग्रेसी नेता कर्ण सिंह की मुंडक उपनिषद पर लिखी पुस्तक के गुरुवार को विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। राहुल ने लंदन में सोमवार को ब्रिटिश सांसदों से कहा था कि भारतीय संसद में विपक्ष को बोलने की आजादी नहीं है। उनका माइक्रोफोन अक्सर बंद कर दिया जाता है। धनखड़ ने कहा कि देश के बाहर किसी संसद सदस्य की इस तरह की टिप्पणी पूर्वनिर्धारित और दुर्भावनापूर्ण है। फिर भी अगर मैं चुप रह जाता हूं तो यह संविधान की अवमानना और सदस्य के तौर पर मेरी शपथ का अपमान होगा। इसलिए मैं अपने संवैधानिक दायित्व से विमुख नहीं हो सकता।

इतिहास का एक काला अध्याय, आपातकाल की घोषणा: धनखड़

दुनिया में हमारे लोकतंत्र की सराहना हो रही है। भारत जी-20 का अध्यक्ष है। यह गौरवपूर्ण क्षण है। किंतु में से कुछ सांसद बिना सोचे-समझे अपने ही देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान कर रहे हैं। इस तरह के मनगढ़ंत और तथ्यात्मक रूप से अपुष्ट बयान पर चुप रहने का मतलब उसका समर्थन करना होगा।उप राष्ट्रपति ने कहा कि संसद में माइक बंद कर दिया जाता है, यह कहने की राहुल की हिम्मत कैसे हुई। हमारे पास हमारे इतिहास का एक काला अध्याय था, आपातकाल की घोषणा।

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