बड़ीखबर: श्रीलंका में भीषण बाढ़ तथा भूस्खलन से 91लोगो की मौत, 100 से भी ज्यादा लोग लापता

श्रीलंका में वर्ष 1970 के बाद सबसे खराब बारिश की वजह से आए भीषण बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। देश भर में बाढ़ और भूस्खलन  के  कारण कम से कम 91 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 110 लोग लापता हैं। इस प्राकृतिक आपदा से देश में लाखों लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
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दक्षिण पश्चिम मॉनसून द्वारा सैकड़ों घरों को तबाह करने और कई सड़कों को काट देने की वजह से सात जिलों में 20,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।  आपदा प्रबंधन केंद्र के उप मंत्री दुनेश गनकंडा ने कहा कि वर्ष 1970 के बाद ये सबसे खराब बारिश है।

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उन्होंने कहा, हम कुछ क्षेत्रों में राहत अभियान चला रहे  हैं जबकि कई क्षेत्रों में हम पहुंच भी नहीं पा रहे हैं। गनकंडा ने बताया कि दक्षिणपूर्वी रत्नपुर में लोग पेड़ के ऊपर चढ़कर पनाह लिए हुए हैं।  

श्रीलंका आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) के अनुसार, बृहस्पतिवार से जारी भारी बारिश की वजह से सबरगमुआ, पश्चिमी औप दक्षिणी प्रांतों में 2,811 परिवारों के  7,856 लोग प्रभावित हुए हैं। कुल 110 लोग जहां लापता हैं वहीं दो लोग घायल भी हुए हैं। बारिश और भूस्खलन से रत्नपुर जिले में 10 और अकेले कालूतारा जिले में 38 लोगों की मौत हुई है। इस प्राकृतिक आपदा में गाले सबसे बुरी तरह प्रभावित होने वाला जिला है।

डीएमसी ने लोगों को संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए बढ़ते जल स्तर से सावधान रहने को कहा है और पहाड़ी इलाके गाले, केगाले, रत्नपुर, कालूतारा, मतारा, और हमबनथोटा जिलों में अस्थिर ढलान पर रहने वालों को वहां से हट जाने के  लिए कहा है। 

श्रीलंका की वायुसेना और नौसेना हेलीकाप्टरों और नावों की मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के काम में लगी है। नकदी फसलों के लिए जंगलों की भारी कटाव के कारण श्रीलंका में मॉनसून के मौसम में अक्सर भूस्खलन की घटनाएं होती हैं। पिछले वर्ष हुए भारी भूस्खलन की घटना में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

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