राष्ट्रपति से मिलने के बाद राहुल गांधी बोले- राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये जो कानून बनाए गए हैं ये किसान विरोधी…

3 कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। केंद्र सरकार ने वार्ता के लिए प्रस्ताव भेजा है, जिस पर किसान संगठन विचार कर रहे हैं। इस बीच, गुरुवार को किसानों के समर्थन में कांग्रेस सड़क पर उतर आई। राष्ट्रपति से मिलने जा रहे प्रियंका गांधी व अन्य कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। ये नेता राहुल गांधी की अगुवाई में राष्ट्रपति से मिलने जा रहे थे और उन्हें 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला दस्तावेज सौंपना चाहते थे, जिसमें लोगों ने कृषि बिल के खिलाफ हस्ताक्षर किए हैं। हिरासत में लिए जाने पर प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ये जनता के चुने हुए सांसद हैं जिन्हें राष्ट्रपति से मिलने का हक है। सरकार लाखों किसानों की आवाज दबा रही है।

वहीं राष्ट्रपति से मिलने के राहुल गांधी ने कहा, ‘राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये जो कानून बनाए गए हैं ये किसान विरोधी हैं और इनसे किसानों, मज़दूरों का नुकसान होने वाला है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान, मज़दूर घर चले जाएंगे।’

‘मैं एडवांस में चीज बोल देता हूं, मैंने कोरोना के बारे में बोला था कि नुकसान होने जा रहा है। उस समय किसी ने बात नहीं सुनी। आज मैं फिर से बोल रहा हूं किसान, मज़दूर के सामने कोई भी शक्ति खड़ी नहीं हो सकती।’

प्रियंका ने कहा, सरकार सिर्फ 5 साल के लिए या 6 साल के लिये नहीं चल सकती, अगर आप विपक्ष को हर चीज के लिए जिम्मेदार ठहराएंगे। अन्नदाता की आवाज को सुनना सरकार की जिम्मेदारी है। किसानों की मांगों को सुन कर ही किसानों की समस्या का हल निकालेगा।

राष्ट्रपति से मुलाकात से पूर्व राहुल गांधी ने ट्वीट किया और लिखा, ‘भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।’

नहीं मिली राष्ट्रपति भवन तक मार्च की अनुमति, धारा 144

कांग्रेस नेता विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालना चाहते थे, हालांकि दिल्ली पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। कांग्रेस भवन के आसपास धारा 144 लगा दी गई है। इस बीच, सभी की नजर शुक्रवार पर टिकी है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 राज्यों के किसानों के साथ बातचीत करेंगे और किसान केंद्र की ओर से की गई विभिन्न पहलों को लेकर अपने अनुभव साझा करेंगे।

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