यूपी चुनाव: सपा-बसपा ने की भ्रष्टाचार की सभी हदें पार, कांग्रेस तो चुनाव लड़ने के लायक भी नही
लखनऊ। टिकट बंटवारे के बाद भाजपा में अन्तर्कलह और विरोध बढ़ा है लेकिन, केंद्रीय विधि, न्याय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद का दावा है कि बदलाव का मन बना चुकी जनता उप्र में भाजपा की सरकार बनाएगी। वजह यह है कि बसपा और सपा की सरकारों ने भ्रष्टाचार की सारी हद पार कर दी। वह कांग्रेस को तो नगर निगम चुनाव लायक भी नहीं मानते हैं।
– टिकट बंटवारे को लेकर उभरा असंतोष कितना नुकसानदेह होगा?
– यह हमारे लिए गर्व की बात है कि एक सीट से एक क्षमता के दस-दस दावेदार हैं। उनके असंतोष को बहुत हद तक दूर कर दिया गया है। सभी पूरी निष्ठा से लगे हैं।
– पहले कहा गया कि बाहरी को टिकट नहीं देंगे लेकिन, अधिकांश उम्मीदवार दूसरे दलों से आए हैं?
– 90 फीसद उम्मीदवार भाजपा के कार्यकर्ता हैं। जो दूसरे दलों से आये हैं, वह भी भाजपा के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
–लोग भाजपा को आखिर प्राथमिकता क्यो देंं?
– उत्तर प्रदेश के लोगों से मेरी अपील है कि 27 वर्षों से जाति आधारित राजनीति चल रही है। एक बार बदलाव आधारित राजनीति की जाए।
– ‘यूपी को यह साथ पसंद है। यह नारा भाजपा को कैसा लगता है?
– अभी कुछ समय पहले तक राहुल गांधी ने देवरिया से गौतमबुद्धनगर तक अखिलेश सरकार के खिलाफ खाट यात्रा निकाली और अब अचानक दोस्ती कर ली। जाहिर है कि यह हताशा में क्राइम, क्रिमिनल और करप्शन का गठबंधन है।
– भाजपा ने कैराना के पलायन को मुद्दा बनाया लेकिन, अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी ने पलायन नहीं किया होता तो पीएम नही बन पाते। आपका क्या कहना?
– यह तो कानून-व्यवस्था संभालने में पूरी तरह विफल अखिलेश की हताशा और कमजोरी है। लोकसभा चुनाव में 80 में 73 सीटें मोदी जी ने जीत लीं तो और क्या कहेंगे।
–प्रधानमंत्री ने ‘स्कैम की नई परिभाषा गढ़ी लेकिन, इसे मायावती ने पीएम की ओछी राजनीति बताया?
– पीएम ने तथ्यगत बातें कहीं हैं। उन्होंने इसके जरिए यूपी की त्रासदी का चित्रण किया है।
– बिहार के चुनाव में गैर भाजपा गठबंधन को सफलता मिली। वहां और यहां क्या अंतर है?
– बिहार की अपनी विशेष परिस्थिति थी। वहां लालू और नीतीश का वोट का बड़ा आधार था लेकिन, अब वहां क्या हाल है जनता देख रही और पछता रही है। पर यह भी सोचना चाहिए कि बिहार के बाद हम असोम समेत कई चुनाव जीते हैं।
– अखिलेश और मायावती सीएम के चेहरे हैं लेकिन भाजपा बिना चेहरे के मैदान में है। इसका क्या असर होगा?
– यही तो हमारी रणनीति है। हमने महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा में कोई चेहरा नहीं दिया और सरकार बनाये। उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी अभूतपूर्व सफलता मिलेगी और फिर हम मुख्यमंत्री भी तय कर लेंगे।