योगी सरकार माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर अपराधियों को दे रही कड़ा संदेश

लखनऊ। पहले कानपुर के विकास दुबे फिर भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्र और अब पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी और प्रयागराज के अतीक अहमद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उप्र की योगी सरकार अपराधियों को कड़ा संदेश दे रही है। राज्य सरकार की इस कार्रवाईयों से सियासत की आड़ में अवैध कामों में लिप्त छोटे अपराधी भी अब सकते में हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समय उन बाहुबली अपराधियों के खिलाफ मुहिम चलाए हुए हैं जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में कभी सीधे दखल देते रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी की नजर इन अपराधियों द्वारा अर्जित की गई उनकी अवैध संपत्तियों पर भी है। इसके अलावा योगी ने इन बाहुबलियों के गुर्गों पर भी शिकंजा कसा है। इससे प्रदेश के छोटे अपराधी भी दहशत में आ गये हैं। उन्हें भी अब लगने लगा है कि जब बड़े-बड़े माफिया जमीनदोज हो रहें हैं तो उनकी बिसात क्या है।
शासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कानपुर के विकास दुबे के साम्राज्य के सफाये के बाद मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि आपराधिक साम्राज्य चलाने वालों पर सख्ती से निपटा जाए। इसके बाद प्रशासन और पुलिस ने बाहुबली विधायक विजय मिश्र, मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद और उनके गिरोहों के खिलाफ शिकंजा कसना प्रारम्भ कर दिया। विजय मिश्र को पुलिस ने चित्रकूट की जेल में डाल दिया है। वहीं मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में और अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में पहले से ही बंद हैं।
गुरुवार को लखनऊ में मुख्तार अंसारी का अवैध निर्माण ढहा दिया गया। शुक्रवार को इस गैंग का एक और अवैध स्लाटर हाउस मऊ में ढहाया गया। उधर प्रयागराज में बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद की कई संपत्तियां दो दिन के अंदर कुर्क की गईं। प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि मुख्तार की 66 करोड़ से अधिक की संपत्ति और अतीक की 60 करोड़ से अधिक संपत्ति इस कार्रवाई के तहत जब्त की गई है।
अतीक की दो दिन में सात संपत्तियां कुर्क की गईं। इनमें उनका आवासीय घर और कार्यालय भी शामिल है। अभी उनकी एक दर्जन से अधिक अन्य सम्पत्तियों को कुर्क करने का मामला भी प्रयागराज के जिलाधिकारी के समक्ष विचाराधीन बताया जा रहा है। पुलिस प्रशासन इन बाहुबली नेताओं के गिरोह व उनसे जुड़े अन्य लोगों को भी चिन्हित कर कार्रवाई कर रही है। मुख्तार की सरपरस्ती में चल रहे अवैध बूचड़खाने को बंद कराकर इस मामले में उनके 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्तार गिरोह के 12 अपराधियों को हाल ही में छह माह के लिए जिलाबदर भी किया गया है। पुलिस ने इन सब के तमाम अवैध धंधों को भी बंद करवा दिया है। इनके शस्त्र लाइसेंस भी रद्द किये जा रहे हैं।
राज्य सरकार की इस कार्रवाई के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट भी किया है। इसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि अवैध कब्जेदारों, कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर निष्क्रांत सम्पत्ति पर अवैध कब्जे एवं अवैध निर्माण कराने के षड्यंत्र में शामिल माफिया मुख्तार अंसारी, उनके पुत्रगण तथा इस षड्यंत्र में शामिल सभी व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।’’ योगी ने यह भी ट्वीट किया है कि इन अवैध सम्पत्तियों के डिमोलिशन का खर्च भी अपराधियों से ही वसूला जाएगा। उन्होंने इस मामले में संलग्न दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। योगी ने यह भी कहा है कि अपराधियों के खिलाफ जारी कार्रवाई का यह सिलसिला अब रुकने वाला नहीं है।
गौरतलब है कि लखनऊ डालीबाग स्थित मुख्तार अंसारी के भवन को गुरुवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलवाकर जमींदोज कर दिया था। लखनऊ जिला प्रशासन का कहना है कि विधायक मुख्तार का यह भवन अवैध था। सरकारी रिकार्ड में यह जमीन निष्क्रांत संपत्ति है। दरअसल आजादी के बाद जो लोग देश छोड़कर चले गये उनकी संपत्ति को प्रशासन ने अपने कब्जे में लेकर उसे शत्रु संपत्ति और निष्क्रांत संपत्ति के नाम से सरकारी रिकार्ड में दर्ज कर लिया। जिन लोगों ने वर्ष 1954 से पहले देश छोड़ा था, उनकी जमीन शत्रु संपत्ति मानी गई और बाद में गये लोगों की जमीने निष्क्रांत संपत्ति के रुप में दर्ज हुई।
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