मुंहासों से लेकर कैंसर तक का खात्‍मा करता है ये एक पत्ता…

क्या कहेंगे जब आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक “प्राकृतिक समाधान” मिले? शायद आपको आश्‍चर्य हो? होना भी चाहिए। खैर, यह काम नीम के अलावा कोई भी नहीं कर सकता है। आयुर्वेद में इसे ‘सर्व रोग निवारिणी’ कहा जाता है। चाहे त्‍वचा की समस्‍या हो या पाचन की गड़बड़ी। हर रोगों से नीम आसानी से छुटकारा दिलाता है। आयुर्वेद के अनुसार, नीम स्वाद में कड़वा है और शक्ति में ठंडा है और शरीर में पित्‍त और कफ दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। नीम अपनी ठंडी प्रकृति के कारण त्वचा को एक सुखद उपचार प्रदान करता है। नीम का कड़वा स्वाद यकृत के कार्य में सुधार करता है और यकृत में मौजूद विषाक्‍त को हटा देता है। आज हम इस लेख में जानेंगे कि नीम किस प्रकार से एक मुंहासे से लेकर कैंसर तक को कैसे खत्‍म कर सकता है।मुंहासों से लेकर कैंसर तक का खात्‍मा करता है ये एक पत्ता...

मुंहासे का उपचार

यदि आप मुंहासे से पीड़ित हैं तो यह आपके लिए है। नीम की जीवाणुरोधी गुण दोबारा मुंहासे नहीं होने दते हैं। जबकि इसकी एंटी-ऑक्सीडेंट गुणवत्ता मुंहासे के दाग और निशान को हटाने में मदद करती है। जिससे त्वचा हमेशा ताजा और साफ दिखती है।

कैसे इस्तेमाल करे

  • नींद के पत्तों के मुट्ठी भर लें और उसे पानी से धो लें।
  • 4 भाग पानी एक भाग पत्तों को लें। पत्तियों को तब तक उबालें जब तक कि पानी हरा न हो जाए।
  • जब पानी थोड़ा ठंडा हो जाए तो इससे चेहरे को धोने में उपयोग करें।
  • वैकल्पिक रूप से, आप कुछ नीम के पत्तों को पीस कर मुंहासों पर लगा सकते हैं। सूखने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें।
  • दिन में दो बार नीम का पानी या नीम पेस्ट का इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

कैंसर के खतरे को रोके

नीम के पत्तों में मौजूद कुछ यौगिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में सुधार करके कैंसर उपचार में सहायता के लिए जाने जाते हैं, मुक्त कणों को समाप्त करते हैं और कोशिका विभाजन कर सूजन को कम करते हैं। इसके यौगिक कीमोथेरेपी की प्रभावशीलता में वृद्धि करते हैं।

कैसे इस्तेमाल करे

  • 4 से 5 नीम के पत्तों को रोजाना सुबह खाली पेट चबाकर खाएं।
  • खाने से पहले उसे पानी से अच्‍छी तरह से धो लें।
  • यह आपको कैंसर के अलावा पेट के कई रोगों से बचाएगा।

दांत और मसूड़ों की रक्षा करता है

नीम की दातुन करने से दांतों और मसूड़ों की सभी छोटी-मोटी समस्‍याएं खत्‍म हो जाती हैं। नीम में एंटीमाइक्रोबायल गुण होते हैं जो बुरी सांस, दांतों का पीलापन, मुंह के अल्सर और पायरिया जैसे रोगों को खत्‍म कर देते हैं। इसे अपने दैनिक मौखिक देखभाल व्यवस्था का एक हिस्सा बना सकते हैं।

कैसे इस्तेमाल करे

  • एक मध्यम आकार की साफ नीम की टहनी ले लो।
  • एक तरफ टूथ-ब्रश की तरह बनाने लें।
  • अब इसे प्राकृतिक टूथब्रश के रूप में उपयोग करें और सादे पानी के साथ कुल्‍ला करें।
  • यदि आप दातून के स्‍वाद को पसंद नहीं करते हैं तो आप उस पर टूथपेस्‍ट लगाकर दांतों को साफ कर सकते हैं।
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