मां बाप नहीं कर पाए बेटे के अंतिम दर्शन पुलिस की लापरवाही से

protest_landscape_1459619485एजेन्सी/रायपुर से गायब चल रहे चकराता के छात्र नितेश जोशी का लावारिस में अंतिम संस्कार कर पुलिस उसे खोजती रही। राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद शनिवार को सामने आए इस सच ने पुलिस के मुंह पर कालिख पोत दी है। 

सात मार्च को गायब छात्र अगले ही दिन नशे की हालत में प्रेमनगर में मिल गया था। तीन दिन दून अस्पताल में उपचार के बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बिना उसकी पहचान कराए लावारिस मानकर अंतिम संस्कार कर दिया।

चकराता के पौंटा निवासी अर्जुन दत्त जोशी का बेटा नितेश जोशी (23) डीएवी कालेज में बीए द्वितीय वर्ष का छात्र होने के साथ प्राइवेट जॉब करता था। रायपुर स्थित अपने कमरे से वह सात मार्च को घर के लिए निकला था। 

तीन दिन बाद परिजनों ने संपर्क साधा तो उसका मोबाइल नंबर बंद था। तब उसके लापता होने का पता चल सका। काफी तलाश के बाद सुराग नहीं लगा तो 12 मार्च की शाम रायपुर थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई। सियासी घमासान में उलझी पुलिस नितेश की गुमशुदगी को तवज्जो नहीं दी। 

एसएसपी सदानंद दाते ने लगाई पुलिस को फटकार 
परिजनों ने सवाल उठाए तो 28 मार्च के बाद एसएसपी सदानंद दाते ने पुलिस को फटकार लगाई, तब जाकर सक्रियता बढ़ी। लक्सर के एक युवक के अलावा उसकी प्रेमिका से भी पूछताछ की गई। 

विकासनगर के अलावा पुलिस दिल्ली तक उसकी तलाश में जुटी रही। 
राज्यपाल केके पाल ने भी दो दिन पुलिस को जोशी को बरामद करने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए थे। लेकिन इसी बीच परिजनों ने जोशी के शव के फोटो को पहचाना तो मामला खुलता चला गया। 

एसपी सिटी अजय सिंह की अगुवाई में मामले की जांच की गई तो पता चला कि नितेश आठ मार्च को प्रेमनगर के डाकोवाली सुद्दोवाला में नशे की हालत में मिला था, जिसे पुलिस ने 108 के जरिये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर दून अस्पताल में भर्ती कराया। 11 मार्च को नितेश की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने 14 मार्च को लावारिस में उसका अंतिम संस्कार कर दिया था।  

मानवीय दृष्टिकोण से हुई चूक
नितेश की लावारिस में हुई मौत के मामले में पुलिस ने कागजी कार्रवाई तो पूरी की है, लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से जरूर चूक हुई है। मामले की जांच कराई जा रही है। जिस स्तर पर लापरवाही साबित होगी, कार्रवाई की जाएगी। 
– सदानंद दाते, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

07 मार्च-रायपुर क्षेत्र से रहस्मय हालत में गायब हुआ छात्र नितेश जोशी
08 मार्च-प्रेमनगर के डाकोवाली में नशे की हालत में मिला जोशी, दून अस्पताल में कराया भर्ती
10 मार्च- परिजनों ने नितेश जोशी को खोजने के  शुरू किए प्रयास
11 मार्च-दून अस्पताल में नितेश जोशी की उपचार के दौरान हुई मौत 
12 मार्च-पिता अर्जुन दत्त जोशी ने रायपुर थाने में दर्ज कराई गुमशुदगी
13 मार्च-पुलिस ने जोशी की गुमशुदगी को लेकर प्रेमिका से की पूछताछ
14 मार्च-पुलिस ने नितेश को लावारिस मानकर किया अंतिम संस्कार  
29 मार्च-जोशी के परिजनों ने एसएसपी से मिलकर जताई नाराजगी
02 अप्रैल-नितेश को लावारिस में फूंकने से सच से उठा पर्दा

25 दिन बाद घटनास्थल से मोबाइल बरामद
घटना के 25 दिन बाद पुलिस ने मौके से नितेश जोशी का मोबाइल बरामद करने का दावा किया है। पहचान होने के बाद प्रेमनगर पुलिस घटनास्थल का दौरा करने की जहमत उठा सकी।

पुलिस ने शनिवार को आसपास की झाड़ियों से जोशी का मोबाइल और कीटनाशक दवा की एक पर्ची बरामद की है। अब सवाल उठता है कि यदि इतना प्रयास नितेश की लावारिस हुई मौत के समय किया जाता तो कम से कम परिवार को उसकी अंतिम क्रिया का हक तो मिल जाता।  

मीडिया को भी नहीं लगने दी भनक
युवक की लावारिस में हुई मौत की मीडिया तक को भनक नहीं लगने दी गई। यदि लावारिस शव होने की खबर प्रकाशित होती तो निसंदेह ही उसकी पहचान कराने में मददगार होती। 72 घंटे तक उसका शव लावारिस के  तौर पर रखा रहा। बाद में उसका अंतिम संस्कार किया गया है।

 
 
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