प्रशांत भूषण ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका की दाखिल

नई दिल्ली। एम नागेश्वर राव की केन्द्रीय जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्ति को चुनौती देते हुये सोमवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी है। गैर सरकारी संगठन ‘कामन काज’ ने यह जनहित याचिका दायर की है और इसमें जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक के रूप में एम नागेश्वर राव की नियुक्ति निरस्त करने का अनुरोध भी किया गया है।
अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर इस याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून, 1946 की धारा 4ए के तहत लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 में किये गये संशोधन में प्रतिपादित प्रक्रिया के अनुसार केन्द्र को जांच ब्यूरो का नियमित निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
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अक्टूबर 2018 में सीबीआई में विवाद के बाद सरकार ने निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया था। इसके बाद नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा कोर्ट पहुंच गए थे। बीती 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को निदेशक के पद पर बहाल करते हुए कहा था कि सरकार सीबीआई निदेशक को नहीं हटा सकती है, सिर्फ सेलेक्ट कमेटी ही हटा सकती है।
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इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय चयन समिति, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्य न्यायाधीश के प्रतिनिधि के रूप में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एके सीकरी थे, ने 2-1 के बहुमत से आलोक वर्मा को पद से हटा दिया था। सरकार ने अभी तक कोई नया निदेशक नियुक्त नहीं किया है, इसलिए नागेश्वर राव ही अंतरिम निदेशक बने रहेंगे। यानी कि लगभग 3 हफ्ते तक वह इस पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन प्रशांत भूषण को इस फैसले से आपत्ति है, इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

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