पीएम मोदी ने यूरोप दौरा जाने से पहले चली ये जबरदस्त चाल!

कल पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंत्रीमंडल ने 10 स्वदेशी परमाणु रिएक्टरों के निर्माण को मंजूरी दी। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनने वाली प्रत्येक रिएक्टर की क्षमता 700 मेगावाट बिजली पैदा करने की होगी। इस तरह 10 इकाइयों से कुल 7000 मेगावाट बिजली पैदा होगी।पीएम मोदी ने यूरोप दौरा जाने से पहले

पीएम मोदी इसी महीने रूस सहित कई यूरोपीय राष्ट्राध्क्षों से मिलने वाले है। कल ही भारत सरकार ने रूस सहित पूरे यूरोप-अमेरिका को चेतावनी के लहजे में कह दिया कि यदि भारत को NSG में प्रवेश नहीं मिलता है तो भारत स्वदेशी परमाणु रियेक्टर विकसित करेगा और उन देशो को परमाणु क्षेत्र में निवेश नहीं करने देगा!

खासकर भारत ने रूस से कहा है कि यदि उसने NSG की उसकी सदस्यता के लिए चीन पर दबाव नहीं डाला तो तमिलनाडु के कुडाकुलम में उसके सहयोग से निर्मित परमाणु परियोजना का भविष्य खतरे में पड़ सकता है!

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आपको याद होगा अमेरिकी हित में मनमोहन सिंह की पहली यूपीए सरकार ने खुद को दाव पर लगाते हुए परमाणु अध्यादेश को संसद में पास कराया था, जिसमें वोटिंग के लिए संसदों को खरीदने तक के आरोप लगे थे। दूसरी ओर मोदी सरकार है, जिसने पश्चिमी देशों के दोगलेपन पर प्रहार करते हुए खुद की तकनीक से परमाणु ऊर्जा के निर्माण की ओर कदम बढ़ाया है। यह अंतर है UPA और NDA की सरकार में!

मेरी पुस्तक #कहानीकम्युनिस्टोंकी आपको एक और बात बताती है कि भारत की आजादी के बाद रूस ने त्रावणकोर में स्वतंत्र कम्युनिस्ट सरकार के गठन के लिए CPI को उकसाया था, क्योंकि त्रावणकोर में थोरियम का भंडार है और इस पर रूस की नजर थी। CPI ने सशस्त्र क्रांति की थी देश के खिलाफ, जिसे मार्क्सवादी इतिहासकारों ने पाठ्यक्रमों से गायब कर दिया!

यह किताब एक और बात बताएगी कि रूस ने हंगरी को केवल परमाणु ऊर्जा के लिए कुचल दिया था और गुटनिरपेक्षता की वकालत करने वाले नेहरू व उनके सहयोगी कृष्ण मेनन ने रूस के इस अमानवीय कृत्य का UNO में समर्थन किया था। बाद में चीन ने रूस की शह पाकर ही भारत पर 1962 में हमला किया था..और हम आज तक बिना अर्थ समझे गा रहे हैं…’सिर पर लाल टोपी रूसी।’

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