धन की कमी से जूझ रहे जेट एयरवेज के पायलटों ने लिखी सरकार को चिठ्ठी

नई दिल्ली। जेट एयरवेज में वर्तमान में लगभग 1900 पायलट कार्यरत हैं जो धन की कमी से जूझ रहे हैं मासिक ईएमआई, बच्चों के स्कूल और कॉलेजों की फीस, मेडिकल बिल के साथ अन्य कई तरह का भुगतान करना होता है। जेट एयरवेज पायलटों के संघ ने सरकार को चिठ्ठी लिखकर अपने लंबित वेतन को ब्याज के साथ वसूलने में मदद मांगी है। आपको बता दें कि जेट एयरवेज के पायलटों लम्बे समय से वेतन नहीं दिया जा रहा है।
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सूत्रों के मुताबिक  परेशान पायलटों ने नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) के श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार को लिखे गए एक पत्र में कहा है कि हमारे वेतन के संबंध में जेट प्रबंधन से हमारी की गई अपील से कोई सुनवाई नहीं हुई  है । सूत्रो के अनुसार संगठन के महासचिव ने कहा है कि यह स्थिति हमारे सदस्यों में अत्यधिक तनाव और हताशा का कारण बन रही है, केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को लिखे पत्र में आग्रह किया गया है कि सदस्य पायलटों को वेतन का बकाया सभी भत्तों को मिलाकर ब्याज के साथ एरियर के रूप में भुगतान किया जाए। संगठन ने इस पत्र की एक कॉपी डीजीसीए के मुखिया बीएस भुल्लर को भी भेजा गया है।
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जानकारी के अनुसार घाटे में चल रही जेट एयरवेज के पास अब इतना भी पैसा नहीं बचा है कि वो अपने एक भी विमान को उड़ा सके। हालांकि अब जेट के चेयरमैन नरेश गोयल को पद से हटना पड़ेगा। इसी शर्त पर एयरलाइन कंपनी मे 24 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाली एतिहाद एयरवेज निवेश करेगी।

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