ट्रम्प की जीत से भारत में ख़ुशी की लहर, यें हैं ख़ुशी की वजह

ट्रम्प की जीत से भारत में ख़ुशी की लहर चारो तरफ फ़ैल गयी है अमरीकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प ने हिलेरी क्लिंटन को हरा दिया है। इस जीत के बाद तमाम हिंदूवादी संगठनों में जीत की ख़ुशी है। आओ जानें अमेरिकी हिंदू मतदाता समेत भारत के हिन्दू सन्गठन ट्रम्प को क्यों समर्थन दे रहे हैं? अपने स्पष्ट, बेलाग, बिंदास विचारों के कारण चुनाव के समय सुर्ख़ियों में रहे ट्रम्प ने न सिर्फ अमेरिका का चुनाव जीता, बल्कि पुरे चुनाव के समय भारत समेत तमाम हिंदुवादियों के दिल में भी जगह बनाई।

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ट्रम्प की जीत से भारत में ख़ुशी की लहर, यें हैं ख़ुशी की वजह

पुरे चुनाव के समय एक ओर भारत के सैकुलर मीडिया तथा अन्य बौद्धिक वर्ग में ट्रम्प का इस तरह विरोध करते रहे, मानो ये लोग मूलत: वाशिंगटन के निवासी हैं जो कुछ समय के लिए अस्थायी तौर पर भारत आए हैं। वहीं अमरीका के स्थायी हिंदू नागरिक भारत हित की एकमेव कसौटी पर हिलेरी क्लिंटन की बजाय ट्रम्प को खुल कर समर्थन देते रहे। पाकिस्तान और कट्टरपंथी इस्लाम के निशाने पर रहे डोनाल्ड ट्रम्प इस्लामी बर्बरता, जेहाद और आतंकवाद के विरुद्ध हैं। चुनाव के समय प्रखर भारतीय हिन्दुओं के मित्र की तरह एवं कश्मीर में हिंदुओं पर हो रहे इस्लामी अत्याचार जैसे मुद्दों के विरुद्ध बोलते दिखे।

उल्लेखनीय है कि भारत इस्लामी आतंकवाद का सबसे बड़ा निशाना है। जेहाद, तालिबान, आई.एस., हिजबुल, लश्कर-ए-तोयबा जैसे नाम भारत के जनमानस में पाशविकता, बर्बरता के पर्याय के नाते पैठे हुए हैं। शायद ट्रम्प को पता था कि भारतीयों एवं हिन्दुओं के लिए मित्रता एवं समर्थन का हाथ बढ़ाने के लिए क्या कसौटी और प्राथमिकता होनी चाहिए। दूसरी तरफ चुनाव में हारी हिलेरी क्लिंटन और उनके पति बिल क्लिंटन प्रच्छन्न तौर पर पाकिस्तान समर्थक एवं भारत विरोधी रहे हैं। बहुत कम लोगों को यह स्मरण होगा कि विश्व में सबसे पहले यदि किसी ने ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द को गढ़ा और उसका उपयोग किया तो वह बिल क्लिंटन थे। मैडेलिन अलब्राइट की आत्मकथ्यात्मक पुस्तक की भूमिका में बिल क्लिंटन ने भारतीय सेना को हिंदू आतंकवाद का दल बताते हुए भारत की एकता पर शब्द-आक्रमण ही किया था।

भारत में कांग्रेस, कम्युनिस्ट व अन्य कथित सैकुलरों ने हिंदू आतंकवाद शब्द का तब से उपयोग शुरू कर दिया। इसलिए वे हिलेरी क्लिंटन के समर्थन में लिखते रहे और चुनाव के समय ट्रम्प को ‘युद्ध समर्थक’, अतिरेकी आदि शब्दों से ‘विभूषित’ कर मजाक उड़ाते रहे। अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव में ट्रम्प की जीत ने बता दिया कि अमरीकी नागरिकों के लिए अमेरिका सर्वोपरि है, मगर इस चुनाव ने स्वाभाविक तौर पर विश्वव्यापी दिलचस्पी और उत्सुकता पैदा की। ट्रम्प की जीत के शोर में अमरीकी हिंदुओं की मानसिकता स्वाभाविक तौर पर उनकी अपनी मूल पुण्यभूमि के प्रति निष्ठा का उदाहरण बनकर सामने आई है। Follow us on facebook – वहीं भारत समेत कथित सैकुलरों का हिलेरी क्लिंटन समर्थन वैसा ही है जैसे उन्होंने लालू यादव का समर्थन किया था। उनके सामने हित महत्वपूर्ण नहीं है-यह साफ हो गया।

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