जानिए इन दिनों इस वजह से तबाह है यूपी की बिजली

acr468-55f333bf37e3celecमानसून की बेरुखी और बिजलीघरों के उत्पादन में कमी के चलते सूबे की बिजली व्यवस्था पटरी से उतर गई है। केंद्र और राज्य के बिजलीघरों की कई इकाइयों के बंद हो जाने से प्रदेश में बिजली का जबरदस्त संकट खड़ा हो गया है।

बारिश न होने से जहां बिजली की मांग बढ़ गई है वहीं बिजलीघरों के उत्पादन में कमी हो जाने से आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। मांग और उपलब्धता में 1500-2000 मेगावाट का भारी अंतर होने की वजह से आपूर्ति पटरी पर रखना अभियंताओं के लिए काफी मुश्किल हो रहा है।

हालात संभालने के लिए बुधवार को आनन-फानन में एनर्जी एक्सचेंज से अतिरिक्त बिजली खरीदने का भी फैसला किया गया लेकिन मांग के मुकाबले उपलब्धता कम होने की वजह से महानगरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक अतिरिक्त आपात कटौती करनी पड़ रही है।

प्रदेश में बिजली की मांग 13,500 मेगावाट से ऊपर पहुंच रही है जबकि अधिकतम उपलब्धता 11,500 मेगावाट के आसपास ही है। गरमी के कारण शहरों में तो बिजली की मांग ज्यादा है ही, बारिश न होने से ग्रामीण इलाकों में भी सिंचाई के लिए ज्यादा बिजली की दरकार है।

 

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