आतंक फ़ैलाने पर उतरा तो तैयार होंगें लाखों आतंकी: जाकिर नाइक
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नाइक ने कहा कि यह कहना गलत है कि आतंकी समूहों में शामिल होने वाले कुछ बदमाश मुझसे प्रभावित थे इसलिए अगर मैं सच में आतंक फैला रहा होता तो कई लाख आतंकी बन गए होते? केवल कुछ नहीं।’ नाइक ने कहा कि लाखों अनुयायियों में कुछ असामाजिक हो सकते हैं जो दूसरे रास्ते पर जाकर हिंसा करते हैं लेकिन वे निश्चित रूप से मेरे द्वारा कही बातों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिस क्षण वे मूर्खतापूर्ण हिंसा करते हैं, वे इस्लामी नहीं रहते और वे निश्चित रूप से मेरा समर्थन खो देते हैं।
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नाइक ने कहा कि बीते छह से अधिक वर्ष में दुबई में उनके निजी खाते से मुंबई में उनके निजी खाते में वे 47 करोड़ रुपए आए जो सवालों के घेरे में हैं। नाइक ने कहा कि ‘मैनें रिटर्न्स में इसकी पूरी तरह से घोषणा की और कानूनी क्रियाकलापों में इसे लगाया जिसमें अपने परिजनों के लिए उपहार और ऋण शामिल है। मुझे नहीं पता कि समस्या कहां है। भारत नहीं लौटने पर नाइक ने कहा कि उन्होंने जांच में सरकारी एजेंसियों को अपने सहयोग का बार-बार प्रस्ताव दिया लेकिन आज तक किसी भी एजेंसी ने उनसे न तो संपर्क किया, न सवाल पूछे और न ही कोई नोटिस भेजा। बता दें कि नाइक के खिलाफ आतंक रोधी कानून यूएपीए के तहत और घृणा फैलाने वाला भाषण देने का मामला दर्ज हुआ है।
नाइक अपने भाषणों के जरिए ढाका के कुछ हमलावरों को प्रेरित करने का आरोप झेल रहे हैं। गौरतलब है कि खबर आई थी कि नाइक का एन.जी.ओ. इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन (आई.आर.एफ.) राजीव गांधी चैरीटेबल ट्रस्ट को कुल 75 लाख की डोनेशन देना चाहता था। इनमें से 50 लाख पहले दे दिए गए थे। बाद में 25 लाख की डोनेशन देने का प्लान था। एन.आई.ए. को छापे में मिले कुछ डाक्यूमैंट्स से यह बात सामने आई है। राजीव गांधी चैरीटेबल ट्रस्ट को इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन ने दिसम्बर, 2011 में पहले 50 लाख की डोनेशन दी थी।