घूसखोर असिस्टेंट कमिश्नर का मददगार है ईडी अफसर, CBI पता लगाने में जुटी

मुंबई. सीबीआई ने सवा करोड़ रुपए की घूस लेने के मामले में सेंट्रल एक्साइज विभाग के जिस असिस्टेंट कमिश्नर अशोक नायक को गिरफ्तार किया था, उसकी प्रवर्तन निदेशालय के किस अधिकारी की मिलीभगत थी अब तक यह साफ नहीं हुआ है। आगे 90 बार बालाएं और करोड़ों की नगदी के खेल का रिश्ता….
घूसखोर असिस्टेंट कमिश्नर का मददगार है ईडी अफसर, CBI पता लगाने में जुटी
 
मामले में शिकायतकर्ता राजू शेट्टी को फोन करने वाले शख्स ने अपना नाम रंजीत कुमार बताया था, लेकिन ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि इस नाम का कोई शख्स मुंबई ऑफिस में नहीं है। नायक ने ईडी की कार्रवाई का डर दिखाकर होटल व्यवसायी शेट्टी से 15 करोड़ रुपए की घूस मांगी थी, जिसमें से सवा करोड़ रुपए लेते उसे पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था।
प्रकरण को लेकर सीबीआई ने अज्ञात ईडी अधिकारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।

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शिकायतकर्ता को धमकाने के लिए फर्जी नाम का इस्तेमाल किए जाने से सीबीआई की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। सीबीआई असली आरोपी की पहचान के लिए सबूतों की तलाश में जुटी है। यह भी पता चला है कि नायक पीएमओ में अपने संपर्क के दम पर शिकायतकर्ता को राहत दिलाने का दावा कर रहा था। लेकिन यह भी साफ नहीं है कि नायक के सच में पीएमओ के किसी अधिकारी से संपर्क हैं या वह झूठा दावा कर रहा था।
 
दरअसल, शेट्टी के नई मुंबई के पनवेल इलाके में कपल बार पर दो मई 2013 को छापा मारा गया था। छापेमारी के दौरान यहां से एक करोड़ 17 लाख रुपए नकद के अलावा 90 बारबालाएं भी पकड़ी गईं थीं। इसके बाद बार के मालिकों राजू शेट्टी और जयराम शेट्टी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था और उन्हें करीब 23 महीने जेल में रहना पड़ा था वहीं मोटी रकम मिलने के बाद ईडी ने भी मामले की जांच शुरू कर दी थी।
 
बुक ऑफ एकाउंट की जांच
पिछले साल फरवरी महीने में ईडी ने शेट्टी को नोटिस भेजकर कर बुक ऑफ एकाउंट जांच के लिए मंगाया। उन्होंने हिसाब दे दिया जिसके बाद मामला खत्म हो गया। लेकिन इस साल 11 अप्रैल को एक बार फिर उन्हें ईडी का नोटिस मिला और फिर बुक ऑफ अकाउंट मांगा गया। शेट्टी ने फिर अकाउंट जमा करा दिया। लेकिन 22 अप्रैल को उन्हें फिर नोटिस आया साथ ही उन्हें दो लैंडलाइन नंबरों से फोन किया गया।
 
फोन करने वाले ने खुद को ईडी अधिकरी रंजीत सिंह बताया और मामला रफा दफा करने के लिए नायक से मिलने को कहा जिसने पहले 15 करोड़ की घूस मांगी और फिर सवा करोड़ रुपए लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार हो गया। मामले में सीबीआई ने ईडी के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है लेकिन ये अज्ञात अधिकारी कौन हैं इसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
 
सीबीआई अधिकारियों को शक है कि इस तरह विभिन्न मामलों में फंसे लोगों से वसूली के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने गिरोह बना रखा है।
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