क्या कुलभूषण को मिलेगा इंसाफ? जानें, जाधव केस में कब क्या हुआ?

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. पाकिस्तान ने जाधव को जासूसी का दोषी करार दिया है. जबकि भारत ने पाकिस्तान के इस फैसले को विरोध किया है. भारत ने जाधव को बेकसूर बताया है. पाकिस्तान के फैसले के विरोध में भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अपील की थी, जिसके बाद कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए इस मामले में दोनों देशों से अपना पक्ष रखने की बात कही थी. आज कोर्ट में इस केस की सुनवाई है.क्या कुलभूषण को मिलेगा इंसाफ? जानें, जाधव केस में कब क्या हुआ?

जानें अब तक इस केस में क्या हुआ?

1- कुलभूषण जाधव को 3 मार्च, 2016 को ईरान से पाकिस्तान में अवैध घुसपैठ के चलते गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान का दावा था कि वह एक रिसर्च एंड एनैलेसिस विंग (रॉ) एजेंट है. जबकि भारतीय नागरिक जाधव कानूनी तौर पर ईरान में अपना व्यापार करते थे.

2- पिछले साल जाधव के कथित कबूलनामे का एक वीडियो भी पाकिस्तान ने जारी किया था. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में वीडियो पर सवाल उठाए गए थे. वीडियो के सामने आने के बाद दावा किया गया कि 358 सेकेंड के इस वीडियो में 102 कट थे. कई जानकारों ने दावा किया कि जाधव से मजबूरन आरोपों को कबूल करवाया गया था.

यह भी पढ़े: चीन के ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना का ‘एनर्जी डिप्लोमेसी’ के जरिये जवाब देगा भारत

3- कथित वीडियो में जाधव कहते हैं, वे दिसंबर 2001 तक इंडियन नेवी में रहे. भारत में संसद पर हुए हमले के बाद डोमेस्टिक इंटेलिजेंस जुटाई गई. जिसके बाद उन्होंने 2003 में इंडियन इंटेलिजेंस सर्विस जॉइन की. जाधव कहते हैं कि वह ईरान से बलूचिस्तान में टेररिस्ट एक्टिविटीज को बढ़ावा दे रहे थे.

4- वीडियो में जाधव ने यह भी बताया कि वह 2013 में रॉ में शामिल हुए थे. भारत सरकार ने कथित वीडियो और पाकिस्तान के आरोपों को सिरे खारिज कर दिया था. हालांकि भारत सरकार ने इस बात को कबूला था कि जाधव भारतीय नागरिक हैं और भारतीय नौसेना में काम कर चुके हैं.

5- भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, जाधव कानूनी तौर पर ईरान में अपना व्यापार करते थे. उन्हें जबरन हिरासत में लेकर परेशान किया गया. भारत ने कहा था कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया और पाकिस्तान ये बताने में नाकाम रहा कि वो पाकिस्तान कैसे पहुंचे?

6- भारत ने पाकिस्तान में भारतीय एबेंसी के अफसरों की जाधव से मुलाकात करवाने की इजाजत मांगी थी, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने भारत की इस मांग को ठुकरा दिया था. पाकिस्तान सैन्य अदालत ने जाधव को देश के खिलाफ ‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल’ होने का दोषी बताया.

7. जासूसी का दोषी मानते हुए पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने 10 अप्रैल को जाधव को फांसी की सजा सुनाई.

8. 11 अप्रैल को भारत के गृहमंत्री और विदेश मंत्री ने संसद में कुलभूषण जाधव को वापस लाने का दावा किया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि एक निर्दोष भारतीय नागरिक को गलत आरोपों के साथ सजा देने की कोशिश की जा रही है, इसे भारत सुनियोजित हत्या मानेगा. सुषमा ने कहा कि कुलभूषण बिल्कुल निर्दोष है और हर हाल में उसे वापस लाने के लिए सरकार कदम उठाएगी.

9. भारत ने कुलभूषण जाधव को अपने राजनयिकों से मिलने देने की 16 बार इजाजत मांगी, लेकिन पाकिस्तान ने इनकार कर दिया.

10. 10 मई को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इस मामले में 15 मई को सुनवाई करने का फैसला किया था. कोर्ट ने दोनों देशों से अपना-अपना पक्ष रखने की अपील की थी.

Back to top button