सनसनी : 5 Cr देकर इंटरनेशनल कोर्ट में पहुंच गया था PAK

इस्लामाबाद. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस द्वारा (ICJ) पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाए जाने के बाद पाकिस्तान में बवाल शुरू हो गया है। पाकिस्तान के एक पूर्व डिप्लोमैट ने कहा- हमारे देश के वकील ने ICJ में दलीलें पेश करने के लिए 5 करोड़ रुपए लिए। भारत के वकील ने सिर्फ 1 रुपए लिया लेकिन मार्च से ही केस की तैयारी शुरू कर दी थी। पाक के एक और डिप्लोमैट ने कहा- भारत की तैयारी पुख्ता थी, हम तो तीन-चार दिन की तैयारी में पहुंच गए। बता दें कि पाक ने जाधव को जासूसी के आरोप में पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। पिछले महीने वहां की मिलिट्री कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी।

5 Cr देकर इंटरनेशनल कोर्ट

पाकिस्तान में किस तरह के रिएक्शन….

– पाकिस्तान की मीडिया में मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद से ही इस मामले को लेकर काफी चर्चा हो रही है।
– ‘दुनिया टीवी’ पर एक पाकिस्तान के एक पूर्व डिप्लोमैट ने कहा- भारत इस केस पर तब से ही काम कर रहा था जबसे ये पब्लिक डोमेन में आया। लेकिन हमारे पास कोई तैयारी ही नहीं थी। तीन-चार दिन में पेपर जुटाए और पहुंच गए ICJ। क्या ऐसा नहीं लगता कि हमने उसे मिलिट्री कोर्ट में सजा सुनाकर ही तसल्ली कर ली। ये नहीं सोचा कि भारत सरकार क्या कर सकती है?
– इस डिप्लोमैट ने आगे कहा- अगर सुषमा स्वराज संसद में खड़े होकर उसे देश का बेटा बताती हैं और ये कहती हैं कि जाधव को हर कीमत पर बचाया जाएगा तो क्या हमें उनकी बात समझ में नहीं आई। या फिर हम मुगालते में थे कि भारत प्रेशर में आ जाएगा।

हमारे वकील ने 5 करोड़ लिए

– पाकिस्तान के एक और पूर्व डिप्लोमैट खालिद निजामी ने ICJ में पाकिस्तान की पैरवी करने वाले कॉन्स्यूलर खाबर कुरैशी पर तंज कसा। निजामी ने कहा, “ऐसा लग रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच टी-20 हो रहा है। कुरैशी ने अपने मुल्क की दलील पेश करने के लिए 5 करोड़ रुपए लिए। भारत के वकील साल्वे ने सिर्फ 1 रुपए लिया।”

नवाज शरीफ की मुश्किल बढ़ी
– नवाज शरीफ के पास फॉरेन मिनिस्ट्री का भी चार्ज है। अपोजिशन कह रहा है कि नवाज तो उस दिन ही केस हार गए थे जिस दिन सज्जन जिंदल उनसे मिलने आए थे। आखिर वो बताते क्यों नहीं कि उनकी जिंदल से क्या बात हुई थी।

साल्वे ने क्या कहा?
– एक टीवी चैनल से बातचीत में हरीश साल्वे ने कहा- पाकिस्तान पासपोर्ट और फोटो पर ही जोर देता रहा। उसने ये नहीं देखा कि केस की मैरिट क्या है?
– एक रुपए फीस पर साल्वे ने कहा- एनवॉयरमेंट जैसे केस लड़ने का भी मैं एक रुपए ही लेता हूं।

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