कर्नाटक में सरकारी कर्मचारियों विभिन्न मांगों के कारण करेंगे 1 मार्च से हड़ताल..

कर्नाटक में सरकारी कर्मचारियों की एक मार्च से हड़ताल है। इसी को देखते हुए परिवहन स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग ने कई इंतजाम किए हैं ताकि कोई सेवाएं प्रभावित न हो सके। बता दें कि सरकारी कर्मचारियों के विभिन्न मांगों के कारण ये हड़ताल हो रही है।

कर्नाटक में सरकारी कर्मचारियों की एक मार्च से हड़ताल है। इसी को देखते हुए परिवहन, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग ने कई इंतजाम किए हैं, ताकि कोई सेवाएं प्रभावित न हो सके। बता दें कि सरकारी कर्मचारियों के विभिन्न मांगों के कारण ये  हो रही है।

कर्मचारियों ने सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू और कम से कम 40 प्रतिशत फिटमेंट सुविधाओं को लागू करने की मांग की है। साथ ही पुरानी पेंशन योजना को वापस करने सहित कई मांगों को सरकार के सामने रखा है।

हड़ताल के बीच क्या खुला और बंद रहेगा

 बीच शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि सभी स्कूलों को खुले रहने के स्थायी निर्देश हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने स्कूलों को खुला रखने के निर्देश दिए हैं। अगर कोई शिक्षक नहीं आते हैं, तो उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा।

बता दें कि 10वीं के बोर्ड के एग्जाम शुरू हो गए है और शिक्षकों से कहा गया है कि वे कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएं। बता दें कि हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं भी खुली रहेंगी, ताकि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं बाधित नहीं हों। वहीं, परिवहन जैसी कुछ सेवाओं को छोड़कर, अस्पतालों और श्मशान घाटों में महत्वपूर्ण सेवाओं के प्रभावित होने की संभावना है।

सभी सेवाएं चलती रहेंगी

अधिकारी ने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि पूरे दिन स्थिति कैसी रहेगी लेकिन अभी सेवाएं सामान्य हैं। बता दें कि  राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) और बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) की बसें सुबह सामान्य रूप से चलती रहीं।

पुलिस विभाग ने उठाए ये कदम

एक ने कहा कि पुलिस विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं कि हड़ताल के कारण कोई कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा न हो। हड़ताल के कारण सरकारी संपत्तियों, विशेषकर बसों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के निर्देश दिए हैं।

हड़ताल का असर सरकारी कार्यालय पर देखने को मिल सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने 28 फरवरी को कर्मचारियों को आश्ववासन दिया था कि प्रशासन सातवें वेतन आयोग की अंतरिम रिपोर्ट मांगने और इसे लागू करने के लिए तैयार है।

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