एनआईईपीवीडी यौन उत्पीड़न मामला: सुचित नारंग समेत पांच के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
राजपुर रोड स्थित एनआईईपीवीडी (पूर्व में एनआईवीएच) में नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप के बाद बीते 18 अगस्त को जिला बाल कल्याण समिति की तरफ से राजपुर थाने में शिक्षक सुचित नारंग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद काफी समय तक अंडरग्राउंड रहे सुचित ने हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर 25 सितंबर को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। पुलिस ने जांच में पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज किए तो सामने आया कि उसने मुकदमा दर्ज होने से करीब छह महीने पहले संस्थान की प्राचार्या और उपप्रचार्या से भी इसकी शिकायत की थी।
शिकायत पर कार्रवाई की बजाय संस्थान के अधिकारियों ने उसे दबाने की कोशिश की। पीड़िता के बयान के आधार पर मुकदमे की विवेचक विनीता चौहान ने एनआईईपीवीडी की तत्कालीन निदेशक अनुराधा डालमिया, प्राचार्य डॉ. अनुसुया शर्मा, संस्थान कर्मचारी तेजी और लखनऊ के जिस आश्रम से पीड़ित छात्रा को एनआईईपीवीडी में पढ़ाई के लिए भेजा था, उसकी संचालिका पूर्णिमा को भी आरोपी बनाया है। लखनऊ की आश्रम संचालिका पर सुचित के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद पीड़िता पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाने का आरोप है। एसओ राजपुर अरविंद सिंह ने बताया कि इनमें सुचित के खिलाफ दुष्कर्म व पोक्सो और अन्य के खिलाफ पोक्सो और आपराधिक षड्यंत्र व साक्ष्य छुपाने की धाराओं में चार्ज लगाए गए हैं।
तीन मामले आए थे सामने
एनआईईपीवीडी में बीते पांच महीने में यौन शोषण के तीन मामले सामने आए थे। इस तीनों मामलों में राजपुर थाने में अलग-अलग आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए। संस्थान की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे तो तत्कालीन प्राचार्य व निदेशक को हटा दिया गया। उनकी जगह नए अधिकारियों की तैनाती की गई। मामले में जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन और एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने भी हाईकोर्ट के आदेश पर निरीक्षण किया था।